पाकिस्तान में भूकंप से कांपी धरती, घरों से बाहर दौड़े लोग, 5.2 रही तीव्रता

इस्लामाबाद: पाकिस्तान में रविवार तड़के जोरदार भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे घबराकर लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। नेशनल सेंटर ऑफ सीस्मोलॉजी (NCS) की रिपोर्ट के मुताबिक, यह भूकंप सुबह 3:54 बजे आया, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.2 मापी गई। भूकंप का केंद्र जमीन से 150 किलोमीटर की गहराई में था। झटके इतने तेज थे कि लोगों में दहशत फैल गई।
जानकारी के मुताबिक, भूकंप का केंद्र पाकिस्तान के मुल्तान शहर से 149 किमी पश्चिम में स्थित था। भूकंप सुबह करीब 3:54 बजे (आईएसटी) आया। हालांकि अब तक इससे किसी भी प्रकार की जान-माल की हानि की सूचना नहीं है। आपदा प्रबंधन की टीमें स्थिती पर नजर बनाए हुए हैं।
पाकिस्तान में क्यों आते हैं इतने भूकंप?
पाकिस्तान को भूपंक के नजरिए से दुनिया के सबसे संवेदनशील इलाकों में से एक माना जाता है। खासकर बलोचिस्तान और गिलगित-बाल्टिस्तान प्रांत को, इसके चलते यहां आए दिन जोरदार भूकंप आते रहते हैं। पाकिस्तान भौगोलिक रूप से यूरेशियन और भारतीय टेक्टोनिक प्लेटों के संगम पर स्थित है। बलूचिस्तान, संघ प्रशासित जनजातीय क्षेत्र, खैबर पख्तूनख्वा और गिलगित-बाल्टिस्तान जैसे प्रांत ईरानी पठार पर यूरेशियन प्लेट के दक्षिणी किनारे पर बसे हुए हैं।
सिंध, पंजाब और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर जैसे प्रांत दक्षिण एशिया में भारतीय टेक्टोनिक प्लेट के उत्तर-पश्चिमी किनारे पर स्थित हैं। इसी क्षेत्र में यूरेशियन और भारतीय प्लेटें एक-दूसरे से टकराती हैं, जिसके कारण यहां भूकंप के झटके अक्सर महसूस किए जाते हैं। पाकिस्तान में आए बड़े भूकंपों की बात करें, तो साल 2005 में मुजफ्फराबाद में 7.6 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें करीब 87,000 लोगों की जान गई थी। वहीं, साल 2007 में बलूचिस्तान में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें 825 लोग मारे गए थे। इन आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान में मध्यम से लेकर उच्च तीव्रता वाले भूकंप अक्सर आते रहते हैं। ऐसे में आपदा प्रबंधन की भूमिका न सिर्फ अहम, बल्कि जीवनरक्षक भी बन जाती है।