उत्तराखंडराज्य

समाजसेवी कामरेड बच्ची राम कौंसवाल के निधन पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जताया दुख

देहरादून। वरिष्ठ पत्रकार, समाजसेवी कामरेड बच्ची राम कौंसवाल का देहरादून में निधन हो गया है। उनके निधन पर तमाम राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने शोक जताया है। वह अपने पीछे पत्नी जगदेश्वरी देवी, दो पुत्र और एक पुत्री को छोड़ गए है। 88 वर्ष की आयु में अपने नवादा, देहरादून स्थित घर में बुधवार दोपहर को उन्होंने अंतिम सांस ली।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सी पी आई – एम) के कद्दावर नेता, समाजसेवी एवं पत्रकार श्री बच्चीराम कंसवाल जी के निधन का समाचार सुन मन अत्यंत दुखी है। मैं ईश्वर से दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान एवं परिजनों को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की कामना करता हूं।

आइए उनके बारे में यह भी जानते हैं–

वह 1960 के दशक में युवावस्था में ही वामपंथी आंदोलन में शामिल हो गए थे। वह मरोड़ा गांव के प्रधान भी रहे। खास बात यह भी है कि वह पर्यावरणविद सुंदर लाल बहुगुणा के गॉंव के ही हैं। 1960 के दशक में ही जब कम्युनिस्ट पार्टी संयुक्त थी, तब सदस्य बन गए थे। 1964 में विभाजन के बाद से आजीवन सीपीएम में सक्रिय रहे। जिला सचिव के बाद उत्तराखंड सचिव मंडल के सदस्य भी रहे। पार्टी और वामपंथी आंदोलन से बाहर भी एक प्रखर वक्ता के रूप में जाने जाते रहे। वह कई वर्षो तक नवभारत टाइम्स के संवाददाता भी रहे।

1970 के दशक में शिक्षक की नौकरी छोड़ उत्तर प्रदेश प्रदेश विधान परिषद (शिक्षक स्नातक सीट) का चुनाव लड़ा। तब नित्यानंद स्वामी जो बाद में उत्तराखंड के पहले मुख्यमंत्री बने, से मात्र 27 वोट से चुनाव हारे थे। उन्होंने इसके बाद टिहरी से एक बार एमएलए और एक बार एमपी का चुनाव भी लड़ा।

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