कोरोना काल में अपनी इम्युनिटी को बूस्ट करने के लिए लोग काढ़े का सेवन कर रहे हैं. वैसे तो काढ़ा सेहत के लिहाज से अच्छा माना जाता है. लेकिन किसी भी चीज की अति आपके लिए नुकसानदायक हो सकती है. काढ़े के साथ भी ऐसा ही है. आवश्यकता से अधिक काढ़ा लेने से ये आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए इसे किसी विशेषज्ञ से परामर्श करके ही लेना चाहिए. अगर आप भी इन दिनों में रोजाना काढ़ा पी रहे हैं, तो इससे जुड़ी कुछ बेसिक बातों के बारे में जरूर जान लें, ताकि आपकी सेहत को किसी तरह का नुकसान न झेलना पड़े.
काढ़े में कालीमिर्च, अदरक, दालचीनी, पीपली, हल्दी, गिलोय, अश्वगंधा आदि का इस्तेमाल किया जाता है, इस कारण इसकी तासीर काफी होती है. अगर आप काढ़े का सेवन जरूरत से ज्यादा करते हैं तो आपके पेट में जलन, अपच, पेचिश, यूरिन में जलन, स्किन में ड्राईनेस, मुंह में छाले, नाक से खून आने जैसी समस्याएं हो सकती हैं. इन समस्याओं से बचने के लिए काढ़े का सही मात्रा में सेवन करना जरूरी है.
एक बार में आधा कप काढ़ा लेना काफी होता है. सर्दी के दिनों में आप इसे बेशक दो बार ले लें, लेकिन सर्दियां कम होने पर इसे दिन में एक बार लेना ही पर्याप्त है. इसके अलावा आप काढ़ा एक दिन छोड़कर पीएं या फिर इसे तीन हफ्ते लगातार लें और दो हफ्ते का गैप दे दें. सिर्फ इम्युनिटी बढ़ाने के लिए लगातार काढ़ा पीना सेहत के लिहाज से ठीक नहीं. बीच बीच में गैप देना जरूरी है. इसके अलावा काढ़े को खाली पेट न पीएं. इससे आपको पाचन संबन्धी समस्याएं हो सकती हैं.
काढ़े की तासीर बहुत गर्म होती है. इसलिए इसमें हरी इलायची, मुलैठी आदि कुछ ठंडी चीजें भी जरूर डालें. इसके अलावा पानी का भरपूर मात्रा में सेवन करें, ताकि शरीर में ज्यादा गर्मी न आए. इसके अलावा काढ़े को बहुत ज्यादा न उबालें. बेहतर है कि आप रातभर के लिए सारी चीजों को पानी में डाल दें. सुबह थोड़ा उबाल कर गैस बंद कर दें. 5 मिनट बाद इसे छान लें.
प्रेगनेंट महिलाओं को काढ़े का सेवन विशेषज्ञ की सलाह के बगैर नहीं करना चाहिए. इसकी तासीर गर्म होती है, ऐसे में मिसकैरेज होने का रिस्क बढ़ जाता है. वहीं जो लोग खून पतला करने की दवा लेते हैं उन्हें भी काढ़े का सेवन विशेषज्ञ की सलाह से ही करना चाहिए. पीरियड्स के दौरान भी इसके सेवन से परहेज करें वरना ब्लीडिंग बढ़ सकती है.