शेयर बाजार की उठा-पटक में कितना और कहां करें निवेश, बता रहे एक्सपर्ट
मुंबई : शेयर बाजार में पिछले कई महीनों से जबर्दस्त उतार-चढ़ा देखने को मिल रहा है। ऐसे में निवेशक इस मार्केट में बने रहें या निकलें या फिर अपने पोर्टफोलियो को और मजबूत करें? ऐसे कई सवाल निवेशकों के मन में हैं। मोतीलाल ओसवाल के स्वामित्व वाला टेंपरेचर गेज इंडेक्स बताता है कि इक्विटी बाजार उचित स्थिति में है और शेयरों के भाव भी अब कम हैं। निवेशों के लिए, बाजार में तेज गिरावट के दौरान तत्काल 50% फंड को तुरुत और बचे हुए 50% फंड को अगले 3-6 महीनों में लगाया जा सकता है।
मोतीलाल ओसवाल प्राइवेट वेल्थ (एमओपीडब्ल्यू) के अल्फा स्ट्रैटेजिस्ट ने मल्टी कैप के प्रति पूर्वाग्रह के बारे में बताते हुए एमएफ/पीएमएस/एआईएफ प्लेटफॉर्म पर मिड एंड स्मॉल कैप रणनीतियों का चयन करने की सलाह दी है। इक्विटी के लिए रणनीति है कि 50 प्रतिशत का फौरन निवेश करें और शेष 50 प्रतिशत को 3-6 महीनों के दौरान लगाएं। साथ ही तेज करेक्शन के दौरान डिप्लॉयमेंट को तेजी देने में सक्षम हों। पोर्टफोलियो का 70-80 प्रतिशत अल्पकालिक एवं मध्यकालिक परिपक्वता पोर्टफोलियो (फिलहाल 2027 की परिपक्वता से परे नहीं) के संयोजन के माध्यम से उच्च गुणवत्ता वाली स्टॉक्स में लगाया जाना चाहिए। निवेश की न्यूनतम सीमा 3 साल होनी चाहिए।
रूस-यूक्रेन युद्ध, प्रोत्साहन उपायों को वापस लिया जाना और चीन में कोविड प्रतिबंधों के कारण आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान के निरंतर वृहद जोखिमों के कारण बाजारों में मई में अस्थिरता देखी गई है, जिससे अनिश्चितता बढ़ गई। अटलांटिक के उस पार मई 2022 में 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी के बाद बाजार जून और जुलाई में दरों में वृद्धि की तैयारी कर रहा है। मुख्य मुद्रास्फीति उम्मीद से ऊपर दर्ज की गई और लेकिन सालाना आधार पर इसमें मामूली गिरावट आई और यह 8.3% रहा।