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अचानक आए अस्थमा अटैक से ऐसे पाएं राहत, ये होते हैं अस्थमा के प्रारंभिक लक्षण

सांसों से जुड़ी बीमारी और खासतौर पर अस्थमा के बारे में पहले से कुछ भी नहीं प्लान किया जा सकता। क्योंकि खांसी, सांस फूलना, घबराहट होना या अस्थमा अटैक आना, ये ऐसी दिक्कतें हैं, जो कभी-भी और कहीं-भी अचानक आपको घेर लेती हैं। अगर आपको या आपके किसी अपने को अस्थमा की दिक्कत है तो यहां जानें कि जब आपके पास कोई दवाई ना हो, उस स्थिति में इस समस्या से कैसे निपटें…

-अस्थमा का रोग किसी को अचानक भी अपनी गिरफ्त में ले सकता है, जबकि लंबे समय से कुछ लक्षणों के साथ यह अपने आने के संकेत भी दे सकता है। लेकिन लंबे समय से खांसी का बने रहना या सांस लेने में दिक्कत होना इसके मुख्य लक्षण होते हैं।

  • यदि किसी व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत हो रही या सांस लेते समय असहज करनेवाली ध्वनी सुनाई दे रही है और साथ ही सीने में जकड़न महसूस हो रही है तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए। साथ ही समझना चाहिए कि सेहत के साथ सबकुछ ठीक नहीं है।

-बोलने में समस्या होना और ठीक से नींद ना ले पाना भी अस्थमा के प्रारंभिक लक्षणों में शामिल हैं। जरूरी नहीं है कि हर मरीज में सभी लक्षण दिखाई दें या ये लक्षण सिर्फ अस्थमा के ही होते हैं। लेकिन इस तरह के लक्षण दिखने पर आपको अपनी सेहत को लेकर सतर्कता बरतनी शुरू कर देनी चाहिए।

हर अटैक पर डॉक्टर्स की जरूरत नहीं

  • अगर आप अस्थमा के पेशंट हैं और पहले से इसका इलाज ले रहे हैं तो आपको पता होगा कि हर अस्थमा अटैक पर डॉक्टर को दिखाने की जरूरत नहीं होती है। उन्होंने जो दवाइयां और प्रीकॉशन्स आपको दी हैं, आप उन्हें ही फॉलो करें।

-लेकिन अगर आपको अस्थमा का अटैक अचानक आ गया है, तब आपको क्या करना है अब इस पर बात करते हैं। सबसे पहले कमर को सीधे रखते हुए बैठ जाएं और अपने आपको शांत रखने का प्रयास करें।

-बैठने में दिक्कत हो तो आप खड़े हो सकते हैं लेकिन गहरी सांस लेने का प्रयास करें और मन को शांत करने पर जोर दें। अस्थमा अटैक के दौरान लेटने से बचना चाहिए। क्योंकि इससे पेशंट की स्थिति और अधिक बिगड़ सकती है। इसलिए या तो सीधे बैठ जाएं या सीधे खड़े हो जाएं।

अस्थमा अटैक आने पर ऐसे पाएं राहत
-जब आप सीधे बैठकर या खड़े होकर शांत मन से गहरी सांस लेने का प्रयास करते हैं तो इससे फेफड़ों में मौजूद एयर बैग्स को खुलने में मदद मिलती है। जरूरी मात्रा में ऑक्सीजन आपके शरीर में पहुंच पाती है और आप राहत महसूस करते हैं।

  • गहरी सांस लेने से सांसों की संख्या भले ही कम हो जाती है लेकिन इससे एयर बैग्स लंबे समय तक खुले रहते हैं, जिससे शरीर में धीरे-धीरे ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ने लगती है और पेशंट को राहत मिलती है।

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