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फोन उठाया तो बैंक अकाउंट हो जाएगा खाली! जानें कैसे बचें इस फ्रॉड से

आज के दौर में ज्यादातर लोग अपना बैंकिंग का सारा काम स्मार्टफोन या लैपटॉप के जरिए ऑनलाइन ही करते हैं. लेकिन उन्हें सावधान रहना भी जरूरी है. ऐसा इसलिए, क्योंकि आजकल बैंक धोखाधड़ी के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं. अपराधी लोगों को अपने झांसे में फंसाकर कुछ मिनटों में ही उनका बैंक अकाउंट खाली कर देते हैं. इसके लिए लोग अलग-अलग तरीके से बैंक फ्रॉड करते हैं. इनमें से एक तरीका विशिंग है. आइए जान लेते हैं कि ये विशिंग क्या होता है और आप कैसे इससे बच सकते हैं.

विशिंग में अपराधी आपसे फोन कॉल पर गोपनीय जानकारी लेने की कोशिश करता है. इनमें यूजर आईडी, लॉग इन और ट्रांजैक्शन पासवर्ड, ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड), यूआरएन (यूनिक रजिस्ट्रेशन नंबर), कार्ड पिन, ग्रिड कार्ड वैल्यू, सीवीवी या कोई निजी डिटेल्स जैसे जन्म की तारीख, माता का नाम आदि शामिल होती हैं. अपराधी बैंक के प्रतिनिधि होने का दावा करते हैं और ग्राहकों से फोन पर उनकी निजी और वित्तीय डिटेल्स हासिल कर लेते हैं. इसके बाद वे इस डिटेल को व्यक्ति के अकाउंट के साथ धोखाधड़ी करने के लिए इस्तेमाल करते हैं. इसमें व्यक्ति को कोई जानकारी नहीं होती है.

आपके बैंक को आपकी निजी डिटेल्स की जानकारी होनी चाहिए. किसी भी ऐसे कॉलर से सावधान रहें, जिसे आपकी पर्सनल डिटेल्स जैसे फर्स्ट और लास्ट नेम. अगर आपको ऐसी कॉल मिलती है, तो उसकी जानकारी जल्दी से बैंक को दे दें.

किसी फोन मैसेज में दिए नंबर पर कॉल या कोई निजी या अकाउंट की डिटेल्स न दें.

किसी ईमेल या एसएमएस में आए नंबर पर भी फोन न करें. खासतौर पर अगर वह आपके क्रेडिट कार्ड या बैंक अकाउंट से जुड़े किसी सुरक्षा के मामले से जुड़ा है.

जब भी कोई टेलीफोन नंबर दिया जाता है, तो आपको सबसे पहले अपने क्रेडिट कार्ड या बैंक स्टेटमेंट के पीछे दिए गए फोन नंबर पर कॉल करके यह वेरिफाई कर लें कि वह नंबर असल में बैंक का है या नहीं.

अगर आपको पर्सनल या क्रेडिट या डेबिट की जानकारी लेने के लिए कोई एसएमएस या कॉल आता है, तो उसे जानकारी न दें.

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