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कश्मीर विवाद को सुलझाने के लिए OIC का दृढ़ संकल्प

नई दिल्ली : कश्मीर विवाद को लेकर इस्लामिक देशों के संगठन OIC (ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन) ने एक बार फिर बयान जारी किया है. ओआईसी ने कहा कि कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत का रास्ता ढूंढने के लिए संगठन एक योजना पर काम कर रहा है. पीओके पहुंचे ओआईसी के सेक्रेटरी जनरल हिसेन ब्राहिम ताहा ने राष्ट्रपति आवास पर मीडिया से बातचीत करते हुए यह बयान दिया.

हिसेन ब्राहिम ताहा ने कहा कि, ”कश्मीर मुद्दे को लेकर सबसे जरूरी है कि पाकिस्तान और भारत के बीच बातचीत का एक जरिया ढूंढना. हम पाकिस्तानी सरकार और अन्य देशों के साथ मिलकर इसके लिए एक खाका भी तैयार करने में जुटे हुए हैं.”

हिसेन ब्राहिम ताहा ने आगे कहा कि, ”इसी वजह से हमें इस मामले में संगठन के सदस्य देशों का साथ चाहिए और हमें यह पता होना चाहिए कि कूटनीतिक मुद्दों पर चर्चा सड़क पर खड़े होकर नहीं की जा सकती है.”

हिसेन ब्राहिम ताहा ने आगे कहा कि, ”हम यहां अपने सहयोगियों, अंतराष्ट्रीय समुदाय और संगठन के सदस्यों की ओर से भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चल रहे कश्मीर विवाद को सुलझाने का रास्ता ढूंढने के लिए OIC की एकजुटता, सहानुभूति और दृढ़ संकल्प व्यक्त करने आए हैं.”

पीओके के राष्ट्रपति भवन में जब हिसेन ब्राहिम ताहा मीडिया से बात कर रहे थे, उस समय वहां पर पीओके राष्ट्रपति सुल्तान महमूद, प्रधानमंत्री सरदार तनवीर इलियास, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के कश्मीर मामले में सलाहकार कमर जमान कायरा भी शामिल थे.

ओआईसी के सेक्रेटरी जनरल हिसेन ब्राहिम ताहा ने मीडिया से बात करते हुए कश्मीर को भी इस्लामिक संगठन ओआईसी का हिस्सा बताया. ताहा ने कहा कि हमारे ऊपर कश्मीर मुद्दे को लेकर बातचीत और हल ढूंढने की सामूहिक और व्यक्तिगत, दोनों ही तरह की जिम्मेदारी है.

वहीं पत्रकारों ने जब ओआईसी के उन सदस्य देशों का जिक्र किया जो कश्मीर मामले के बावजूद भारत के करीबी हैं या उनके संबंध भारत के साथ मजबूत हो रहे हैं तो ताहा ने कहा कि सभी देशों की अपनी-अपनी संप्रभुता है.

ताहा ने कहा कि ओआईसी सिर्फ उन प्रस्तावों के आधार पर काम कर रहा है जो सदस्य देशों से जुड़े हुए हैं. उन्होंने आगे कहा कि सभी देशों की अपनी संप्रभुता है, चाहे हम सब एक ही समुदाय से आते हों.

ओआईसी प्रतिनिधि मंडल के एलओसी दौरे को लेकर उन्होंने कहा कि वे इसको लेकर एक रिपोर्ट काउंसिल ऑफ फॉरेन मिनिस्टर (CFM) को सौंपेंगे और उनसे सही फैसला लेने की बात कहेंगे.

दूसरी ओर, पीओके के राष्ट्रपति सुल्तान महमूद ने भी इस दौरान कश्मीर विवाद को लेकर बयान जारी किया. ओआईसी के सेक्रेटरी जनरल ने कहा कि कश्मीर एक क्षेत्रीय विवाद नहीं बल्कि एक राष्ट्र के भविष्य का मुद्दा है.

पीओके राष्ट्रपति भवन में मीडिया से बातचीत से पहले ओआईसी का प्रतिनिधि मंडल एलओसी का हाल जानने चकोठी सेक्टर पहुंचा था. यहां एक पाकिस्तानी मिलिट्री कमांडर ने हालात के बारे में जानकारी भी दी. साथ ही ओआईसी के प्रतिनिधि मंडल ने उन परिवारों से भी मुलाकात की, जिनके लोग सीमा विवाद में अपनी जान गवां चुके हैं.

ओआईसी यानी ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन एक इस्लामिक देशों का संगठन है. इस संगठन के 57 मुस्लिम बहुल देश सदस्य हैं. सऊदी अरब और उसके सहयोगी देशों का इस संगठन पर खास दबदबा है. इस संगठन का हेडक्वार्टर भी सऊदी अरब के जेद्दाह में स्थित है. इस संगठन का काम अंतरराष्ट्रीय शांति और सद्भाव बनाते हुए मुस्लिमों के हितों की सुरक्षा करना है. सबसे खास बात यह है कि सिर्फ इस्लामिक देश ही इस संगठन का हिस्सा हो सकते हैं.

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