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CM पुष्कर सिंह को यूं ही नहीं कहा जाता है ‘धाकड़ धामी’

दस्तक ब्यूरो, देहरादून

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को उनके फैसले के लिए धाकड़ धामी कहा जाने लगा है, खासकर जब से धामी सरकार ने राज्य में समान नागरिक संहिता विधेयक पारित कराया है और इस दिशा में सरकार तेजी से कदम बढ़ा रही है। समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद उत्तराखंड के सभी लोगों के लिए एक समान कानून लागू होगा। इसमें विवाह, तलाक, संपत्ति, लिव इन रिलेशनशिप आदि कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को शामिल किया गया है। नकल विरोधी कानून, समान नागरिक संहिता जैसे फैसलों से देशभर में चर्चा में आए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देश की 100 ताकतवर शख्सियतों की सूची में लंबी छलांग लगाई है। हाल ही में मीडिया समूह इंडियन एक्सप्रेस ने देश के 100 सबसे ताकतवर भारतीयों की सूची जारी की थी, जिसमें सीएम पुष्कर धामी को 61वें नंबर पर रखा गया है। पिछले वर्ष इस सूची में धामी 91वें नंबर पर थे। सीएम पुष्कर सिंह धामी को इससे पहले वर्ष 2022 में भी स्वच्छ राजनीतिज्ञ का पुरस्कार मिल चुका है। उपलब्धियों की बात करें तो सीएम पुष्कर धामी के पास मुश्किल वक्त में बड़े फैसले लेने की क्षमता है। उन्होंने समान नागरिक संहिता विधेयक लाकर बड़ी लकीर खींची, तो हल्द्वानी हिंसा को बहुत ही सटीक तरीके से हैंडल किया। सिलक्यारा टनल हादसे में रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान धामी ने सच्चे लीडर की तरह काम किया। आने वाले लोकसभा चुनाव में पिछला इतिहास दोहराना और राज्य में विकास परियोजनाओं के साथ पर्यावरणीय संतुलन साधना धामी के लिए बड़ी चुनौतियां हैं।

इस सबके बीच भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार पूरे देश में अपनी अलग पहचान बना रही है। इसी वजह से धामी शक्तिशाली भारतीयों की सूची में ऊंची छलांग लगाने में कामयाब हुए है। इसके साथ ही धामी सरकार को अब तक नकल विरोधी, भ्रष्ट्राचार विरोधी, अतिक्रमण के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान की वजह से विशेष पहचान मिली है। धामी सरकार ने उत्तराखंड में ‘देश का सबसे सख्त’ नकल विरोधी कानून लागू किया है। नकल माफिया पर लगाम लगाने के लिए 10 लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इसके साथ-साथ आजीवन कारावास या 10 साल की जेल की सजा का भी प्रावधान किया गया है। इसके अलावा नकल माफिया की संपत्ति कुर्क भी की जाएगी। पेपर लीक करने वाले छात्रों पर भी सख्त ऐक्शन होगा। इसके साथ ही धामी ने धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कानून बनाकर एक मिसाल पेश की है। अब उत्तराखंड में भी जबरन धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कानून लागू है।

सीएम धामी के निर्देश पर उत्तराखंड में लैंड जिहाद के खिलाफ कार्रवाई जारी है, जिससे भूमाफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है। सीएम धामी के ऐसे सख्त फैसलों की वजह से ही उनकी इमेज धाकड़ धामी की बन गई है। अब धामी सरकार के फैसलों को दूसरे राज्यों की सरकार भी फॉलो कर रही है। बीते एक साल में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कुछ ऐसे फैसले लिए हैं, जिसने पूरे देश में मिसाल कायम की। उत्तराखंड में यूसीसी विधेयक पास हुआ। पूरे राज्य में लैंड जिहाद के खिलाफ लगातार कार्रवाई हो रही है और नकल विरोधी कानून भी बनाया गया है। शांत स्वभाव के दिखने वाले पुष्कर सिंह धामी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के बेहद करीबी माने जाते हैं। पुष्कर सिंह धामी में बेहतर निर्णय लेने की क्षमता है। उन्होंने जनता के लिए सरल और निर्णय लेने में अपने कठोर रवैये से भारतीय राजनीति में एक अलग पहचान स्थापित की है। कठोर धर्मांतरण कानून हो या समान नागरिक आचार संहिता को लागू कराना, उनकी बेहतर पहल की पूरे देश में तारीफ हुई है। मुख्यमंत्री धामी वर्ष 2030 तक उत्तराखंड को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल कराने के विजन पर कार्य कर रहे हैं।

सीएम धामी की इस उपलब्धि पर भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि सर्वे मे युवा सीएम धामी का प्रभावशाली शख्सियत के रूप में उभरकर सामने आने से यह साफ हो चुका है कि धामी सरकार राज्य को सही दिशा में लेकर आगे बढ़ रही है और राज्य निश्चित रूप से देश के सर्वश्रेष्ठ राज्यों में शुमार होने वाला है। उन्होंने कहा कि धामी इस मुकाम को अपने पारदर्शी नीतियों और निर्णयों की बदौलत छू गए और उनमें अपार संभावनाएं है। चौहान ने कहा कि धामी की रणनीति और कौशल के चलते केन्द्र से बेहतर समन्वय कायम कर राज्य में लाखों करोड़ की केन्द्रीय विकास योजनाएं संचालित हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में सीएम धामी राज्य को आगे बढ़ा रहे है। इस दौरान राज्य ने सड़क, एयर कनेक्टिविटी में नये आयाम स्थापित किये तो चार धाम सहित पर्यटन के क्षेत्र में नई संभावनाएं बनी। धामी सरकार के फैसले कई राज्यों के लिए प्रेरणा और नजीर भी बने हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ सीएम धामी ने बिना कालखंड को देखकर ताबड़तोड़ फैसले लिए और लोगों ने उनकी कार्यशैली को सराहा। राज्य में भर्ती घोटालों के बाद नकल विरोधी कानून बना तो देशभर में इसे सराहा गया तथा कई राज्य इसे लागू कर रहे है। धर्मांतरण को लेकर भी कड़ा कानून बना और यूसीसी ने देशभर का ध्यान अपनी ओर खींचा है।

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