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पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों को लेकर राहुल गांधी का केंद्र पर निशाना

कांग्रेस (Congress) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर गुरुवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि एक दिन जनता दुखी होकर इस ‘कुशासन’ का खत्मा करेगी. राहुल गांधी ने ‘जीडीपी’ (गैस, डीजल और पेट्रोल) की कीमतों में बढ़ोतरी को दर्शाने वाला एक ग्राफ भी ट्विटर पर साझा किया. कांग्रेस नेता ने कहा, ‘पुरानी लोककथाओं में ऐसे लालची कुशासन की कहानी होती थी जो अंधाधुंध कर वसूली करता था. पहले जनता दुखी हो जाती लेकिन अंत में जनता ही उस कुशासन को ख़त्म करती थी. असलियत में भी ऐसा ही होगा.’

गौरतलब है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में गुरुवार को एक बार फिर 35 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई, जिससे देश भर के पंपों पर इनकी खुदरा कीमतें अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं. सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक दिल्ली में पेट्रोल की कीमत अपने उच्चतम स्तर 104.79 रुपये प्रति लीटर और मुंबई में 110.75 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गई. इसी तरह मुंबई में डीजल अब 101.40 रुपये प्रति लीटर और दिल्ली में 93.52 रुपये प्रति लीटर के भाव पर मिल रहा है.

राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए रविवार को कहा था कि प्रधानमंत्री लखीमपुर खीरी कांड में किसानों और भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या, बढ़ती महंगाई, तेल की कीमतों में उछाल और देश में बेरोजगारी के मुद्दे पर खामोश हैं. वायनाड के सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘बढ़ती महंगाई, तेल के दाम, बेरोजगारी, किसान व भाजपा कार्यकर्ता की हत्या पर प्रधानमंत्री खामोश हैं और कैमरा व फोटो ऑप में कमी, सच्ची आलोचना और मित्रों पर सवाल करने के मामले में काफी मुखर हैं.’

सितंबर में थोक महंगाई दर घटकर 10.66 फीसदी पर पहुंच गई है. सरकार ने गुरुवार को इसका डेटा जारी किया है. थोक महंगाई दर में गिरावट की बड़ी वजह खाने की चीजों कीमतों का घटना है. हालांकि, पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में तेजी देखी गई है. थोक महंगाई दर लगातार छठें महीने 10 फीसदी से ज्यादा बनी रही है. अगस्त में, यह 11.39 फीसदी थी. जबकि सितंबर 2020 में, थोक महंगाई 1.32 फीसदी रही थी.

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सितंबर 2021 में महंगाई की ऊंची दरों की वजह मुख्य तौर पर मिनरल ऑयल, बेसिक मैटल्स, खाने की चीजों, गैर-खाने की चीजों, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, कैमिकल और नॉन-कैमिकल प्रोडक्ट्स की कीमतों में पिछले साल के समान महीने के मुकाबले बढ़ोतरी है.

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