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कोविशील्ड और कोवाक्सिन में कौन है ज्यादा प्रभावी, स्टडी में खुलासा

नई दिल्ली: एक हालिया स्टडी में दावा किया गया है कि कोरोना के विभिन्न वैरिएंट के खिलाफ कोविशील्ड वैक्सीन, कोवाक्सिन के मुकाबले ज्यादा प्रभावी है। इस रिसर्च का प्री-प्रिंट शुक्रवार को इंटरनेट पर पोस्ट किया गया। हालांकि अभी इस स्टडी का रिव्यू होना बाकी है। जून 2021 से जनवरी 2022 के बीच 691 प्रतिभागियों पर यह स्टडी की गई। इस रिसर्च में 18-45 साल के लोग शामिल हुए और यह पुणे और बेंगलुरु में कुल 4 जगहों पर हुई। इनमें शहरी और ग्रामीण इलाके के लोग शामिल रहे।

रिसर्च के अनुसार, जो लोग कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं हुए यानि कि सीरोनिगेटिव, और जो लोग संक्रमित होकर ठीक हो गए यानि कि सीरो पॉजिटिव, दोनों तरह के लोगों में कोविशील्ड और कोवाक्सिन ने पर्याप्त मात्रा में वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी का निर्माण किया। रिसर्च में शामिल प्रतिभागियों को या तो 28 दिन के अंतराल पर कोवैक्सीन की दोनों डोज दी गईं थी या फिर तीन महीने के अंतराल पर कोविशील्ड की दोनों डोज दी गईं थी। जांच में पता चला कि जिन लोगों को कोविशील्ड की डोज दी गईं थी उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता, कोवाक्सिन की डोज पाने वाले लोगों की तुलना में ज्यादा बेहतर थी।

इम्यूनोलॉजिस्ट और इस स्टडी को करने वाले लोगों में शामिल विनिता बल का कहना है कि युवाओं में कोविड वैक्सीन के प्रभाव में अंतर देखा गया। जो लोग कोरोना से संक्रमित नहीं हुए थे, उनमें कोवाक्सिन के मुकाबले कोविशील्ड वैक्सीन से एंटीबॉडी की लेवल बेहतर पाया गया। रिसर्च में यह भी पता चला कि कोवाक्सिन के मुकाबले कोविशील्ड वैक्सीन से बनी रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा लंबे समय तक रही। हालांकि स्टडी में यह भी पता चला है कि जिन लोगों ने कोवाक्सिन की दोनों डोज ली, उनमें कोरोना वायरस के ओमिक्रोन वैरिएंट के खिलाफ कोविशील्ड के मुकाबले थोड़ी ज्यादा प्रभावी एंटीबॉडी पाई गईं।

बता दें कि पूरी दुनिया में एक बार फिर कोरोना महामारी को लेकर डर बढ़ रहा है। चीन में हालात बेहद खराब हैं और वहां बड़ी संख्या में लोग कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। भारत में भी शनिवार को कोविड 19 के 214 नए मामले दर्ज किए गए। वहीं उपचाराधीन संक्रमितों की संख्या 2509 हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अब तक देश में 4.46 करोड़ लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। वहीं अब तक देश में इस महामारी से मरने वालों की संख्या 5,30 हजार के पार जा चुकी है।

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