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अमेरिका से डरा चीन, अत्याधुनिक बैलिस्टिक मिसाइल से किया युद्धाभ्यास

इस मिसाइल को पहली बार साल 2015 के सितंबर में दुनिया के सामने बीजिंग में हुई मिलिट्री परेड में दिखाया गया था। बीजिंग, प्रेट्र। दक्षिण चीन सागर और वन चाइन पॉलिसी पर अमेरिका के साथ बढ़ती तनातनी के बीच चीन में गठित नई सैन्य बल रॉकेट फोर्स ने अत्याधुनिक बैलिस्टिक मिसाइल डीएफ-16 मध्यम दूरी की मारक क्षमता वाले बैलिस्टिक मिसाइल से युद्धाभ्यास किया है। इस मिसाइल की मारक क्षमत एक हजार किलोमीटर है। यह भारत, जापान और अमेरिका समेत कई देशों के लिए ख़तरा साबित हो सकता है। युद्धाभ्यास का वीडियो जारी चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) जो अपने हथियारों से संबंधित सूचनाओं को काफी गोपनीय रखता है उसने अत्याधुनिक डीएफ-16 बैलिस्टिक मिसाइल से किए जा रहे सेना के युद्धाभ्यास का वीडियो जारी किया है। रॉकेट फोर्स चीनी सेना की वह विशेष टुकड़ी है जो अपने यहां के सैन्य मिसाइलों का संचालन करती है। जारी किए गए वीडियो में बैलिस्टिक मिसाइल को कई गाड़ियों के द्वारा लेकर जाते हुए दिखाया गया है।

2015 में पहली बार दिखा डीएफ-16

चीन के सरकारी अखबार चाइन डेली ने सोमवार को जो ख़बर छापी उसके मुताबिक, इस युद्धाभ्यास में दो तरह के डीएफ-16 बैलिस्टिक मिसाइल को दिखाया गया है। ऐसा तीसरी बार है जब सार्वजनिक तौर पर इस तरह डीएफ-16 को लोगों के बीच दिखाया जा रहा है। इस मिसाइल को पहली बार साल 2015 के सितंबर में दुनिया के सामने बीजिंग में हुई मिलिट्री परेड में दिखाया गया था।

विदेश सेना के लिए चुनौती है डीएफ-16

जुलाई के महीने में एक टेलीविज़न के न्यूज़ कार्यक्रम में सेंट्रल मिलिट्री कमिशन के वाइस चेयरमैन जनरल फन चैंगलोग को साउदर्न थिएटर कमांड की डीएफ-16 यूनिट का निरीक्षण करते हुए दिखाया गया था। हालांकि, पीएलए ने कभी भी अपने इस बैलिस्टिक मिसाइल की खासियत के बारे में नहीं बताया। लेकिन, रक्षा के जानकार यह मानते हैं कि डीएफ-16 विदेश सेनाओं के लिए एक बड़ी चुनौती पेश कर सकता है।

जब से अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत हुई है और उन्होंने ताइवान के राष्ट्रपति त्साइ इंग वेन के साथ फोन पर बात की है उसके बाद से चीन लगातार ताइवान के खिलाफ अपना आक्रामक तेवर अपनाए हुए है।

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