अन्तर्राष्ट्रीय

आईटी सेक्टर के स्वागत के लिए तैयार कनाडा

एच-1बी वीजा नीति का असर

वैंकओवर (ईएमएस)।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एच-1बी वीजा नीति में बदलाव के बाद अधर में पड़े भारतीय मूल के आईटी सेक्टर के लोगों के लिए एक अच्छी खबर आई है। दरअसल अगर इससे कोई प्रभाव पड़ता है तो कनाडा भारतीयों का स्वागत करने को तैयार है। आईटी कंपनी फैंटेसी 360 के सीईओ के अनुसार इस फैसले से भारतीय टैलेंट अधिक से अधिक कनाडा में आएगा।वहीं गुजरात मूल के तेजानी के अनुसार इस बाबत कई लोगों को वैंकोवर में शिफ्ट कर सकते हैं।

इसको लेकर तेजानी अपने पार्टनर रे वालिया के साथ मिलकर आगे की प्रक्रिया पर काम कर रहे हैं। वहीं इस बात को उन्होंने कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रुडो के सामने रखेंगे। कनाडा पीएम को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि दुनिया में बेहतरीन लोगों को मौका देने से कनाडा को फायदा होगा। तेजानी ने करीब 21 देशों में 40 से अधिक स्टॉर्टअप बिजनेस की शुरुआत की है, इनमें से लगभग 400 लोग नौकरी कर रहे हैं। एक्सपर्ट्स की मानें तो 104 अमेरिकी डॉलर की कीमत वाला और 40 लाख लोगों को रोजगार देने वाला भारतीय आईटी सेक्टर अमेरिका की नई नीति के बाद अन्य देशों का रुख कर सकता है। जिसका फायदा कनाडा उठाने की तैयारी में हैं।

क्या है एच -1 बी वीजा?

एच-1बी वीजा एक नॉन-इमीग्रेंट वीजा है जिसके तहत अमेरिकी कंपनियां विदेशी एक्सपर्ट्स को अपने यहां रख सकती हैं। एच-1बी वीजा के तहत टेक्नोलॉजी कंपनियां हर साल हजारों कर्मचारियों की भर्ती करती हैं। एच-1बी वीजा दक्ष पेशेवरों को दिया जाता है, वहीं एल1 वीजा किसी कंपनी के कर्मचारी के अमेरिका ट्रांसफर होने पर दिया जाता है। दोनों ही वीजा का भारतीय कंपनियां जमकर इस्तेमाल करती हैं।

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