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इतनी रहेगी भारत की विकास दर, आएगी वैश्विक मंदी: IMF

नई दिल्लीः अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने कोरोना वायरस के चलते भारत की जीडीपी का अनुमान एक बार फिर से घटाया दिया है. इसके साथ ही आईएमएफ ने कहा कि वैश्विक महामारी के चलते एक बार फिर से भयानक मंदी आ सकती है, जो कि 1930 और 2008 में आई मंदी से भी भयंकर होगी. कोरोना के चलते सभी देशों में आर्थिक गतिविधियां बिलकुल ठप हो गई हैं, जिसका असर भारत में भी देखने को मिलेगा.

इतनी रहेगी 2020 में जीडीपी
आईएमएफ ने कहा है कि वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की आर्थिक विकास दर (जीडीपी) 1.9 फीसदी रहेगी, जो कि 1991 में आर्थिक उदारीकरण के बाद सबसे खराब होगी। हालांकि आईएमएफ ने अपनी ताजा वैश्विक अर्थव्यवस्था रिपोर्ट में भारत को सबसे तेजी से विकास करने वाली अर्थव्यवस्था की सूची में रखा है.

चीन की इतनी रहेगी विकास दर
कोरोना वायरस का जन्मदाता और पड़ोसी देश चीन के बारे में आईएमएफ ने कहा है कि इसकी विकास दर 1.2 फीसदी रहेगी. आईएमएफ ने कहा है कि चीन की अर्थव्यवस्था में भी तेजी देखने को मिलेगी.

वैश्विक विकास दर में आएगी -0.3 फीसदी की कमी
आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा है कि कोरोना के चलते वैश्विक विकास दर में -0.3 फीसदी की कमी देखने को मिलेगी. यह जनवरी से लेकर के अभी तक 6.3 फीसदी पहले से गिर गई है.

आ सकता है The Great Depression
गीता गोपीनाथ ने कहा कि सभी देशों की आर्थिक हालत अच्छी नहीं रहने के अनुमान से द ग्रेट डिप्रेशन आ सकता है. यह पहली बार 1929 में आया था और 10 सालों तक चला था. उस समय वॉल स्ट्रीट पर न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज क्रैश हो गया था, जिसके चलते निवेशकों को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ था.

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