अन्तर्राष्ट्रीय

इसरो ने रचा इतिहास, हर देशवासी को होगा गर्व


img_20161207112424इसरो ने बुधवार को रिमोट सेंसिंग सैटलाइट रिसोर्ससैट-2ए को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया। इसे सुबह 10.24 बजे पीएसएलवी-सी36 की मदद से लॉन्च किया गया

यह रिसोर्ससैट-1 और 2 की कड़ी का सैटलाइट है। 1235 किलो का यह सैटलाइट भारत के जमीनी संसाधनों के बारे में जानकारी देगा। मसलन यह भारत की वन संपदा और जल संसाधनों के बारे में जानकारी देगा। इससे यह जानने में भी मदद मिल सकती है कि देश के किन इलाकों में कौन से मिनरल हैं।
यह सैटलाइट 5 साल तक के लिए सेवाएं देगा। इसे पृथ्वी की कक्षा से 817 किलोमीटर ऊपर स्थापित किया जाएगा। 2003 में रिसोर्ससेट-1 लॉन्च किया गया था। वहीं 2011 में रिसोर्ससेट-2 लॉन्च किया गया था। अंतरिक्ष कार्यक्रम में भारत की यह बड़ी सफलता है।
1963 में केरल स्थित थुम्बा इक्वेटोरियल रॉकेट लॉन्चिंग से पहला साउंडिंग रॉकेट छोड़ा गया था। इसके बाद से इसरो अबतक अंतरिक्ष कार्यक्रम में सफलता के झंडे गाड़ चुका है। 2014 में भारतीय मंगलयान का पहले ही कोशिश में मंगल की कक्षा में पहुंच जाना इसरो की सबसे बड़ी उपलब्धि रही है।
जीएसएलवी मार्क 2 का सफल प्रक्षेपण भी भारत के लिए बहुत बड़ी कामयाबी मानी जाती है। इसमें भारत ने स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन लगाया था। इस उपलब्धि ने भारत को उम्मीद दी कि भारत अपनी सैटलाइट लॉन्च करने के लिए दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रहना होगा।
इसरो ने अपने अब तक के सबसे भारी रॉकेट जीएसएलवी मार्क 3 का भी सफल प्रक्षेपण किया है। 630 टन वजन के इस रॉकेट में एक क्यू मॉड्यूल भी लगाया गया जिससे कि आने वाले समय में देश में ऐस्ट्रोनॉट्स को स्पेस में आसानी से भेज पाएगा।
 

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