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एक साल बाद मुख्यमंत्री योगी ने यूपी को दिया विकास का गुजरात मॉडल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश में कमान संभाले एक साल पूरा होने जा रहा है. सत्ता में एक साल पूरा होने से पहले योगी सरकार ने गुजरात मॉडल की तर्ज पर उत्तर प्रदेश का पहला इंवेस्टर समिट आयोजित करते हुए देश और दुनिया के बड़े से बड़े कारोबारी को प्रदेश में निवेश करने का आमंत्रण दिया. इस मौके पर राजधानी लखनऊ पहुंचे बिड़ला, रिलायंस और अडानी जैसे समूहों के प्रमुखों ने एक बात साफ शब्दों में कही कि वह उत्तर प्रदेश के लिए बड़े निवेश का ऐलान इसलिए कर रहे हैं क्योंकि बिना उत्तर प्रदेश को आर्थिक गतिविधियों के केन्द्र में रखे भारत को विश्व स्तर पर आर्थिक शक्ति के तौर पर नहीं खड़ा किया जा सकता है.एक साल बाद मुख्यमंत्री योगी ने यूपी को दिया विकास का गुजरात मॉडल

चीन भी अपने बड़े राज्यों के सहारे बना आर्थिक शक्ति

दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति चीन सुस्ती के दौर से गुजर रहा है. लगातार 30 साल तक 10 फीसदी की विकास दर दर्ज करने वाले चीन को आर्थिक शक्ति बनाने में उसके कुछ प्रोविंसेस की अहम भूमिका रही है. देश की जीडीपी में इन राज्यों का सर्वाधिक योगदान भी है. खास बात यह है कि आर्थिक आंकड़ों को देखकर साफ है कि ये प्रोविंस चीन की सबसे घनी आबादी वाले क्षेत्र हैं और इस घनी आबादी के सहारे ही चीन दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में सफल हुआ है.

गुजरात मॉडल से उम्मीद

उत्तर प्रदेश में इवेस्टर समिट के लिए सजे मंच से एक के बाद एक शख्सियत और संभावित निवेशकों ने 2003 का वह मंजर याद दिलाया जब गुजरात की कमान संभालने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाइब्रेंट गुजरात की नींव रखी. लखनऊ के मंच पर दावा किया गया कि वायब्रेंट गुजरात समिट ने गुजरात में बड़े निवेश का रास्ता खोलते हुए गुजरात को कारोबार में देश का अग्रणी राज्य बना दिया. लिहाजा इसी तर्ज पर चलते हुए अब उत्तर प्रदेश को देश का अहम वाणिज्यिक क्षेत्र बनाया जाएगा. भारत में जनसंख्या के हिसाब से सर्वाधिक आबादी वाला राज्य उत्तर प्रदेश है. लिहाजा भारत के लिए चीन जैसी अर्थव्यवस्था को पकड़ने और उसे पछाड़ने के लिए जरूरी है कि भारत में भी आर्थिक विकास के केन्द्र में उत्तर प्रदेश को रखा जाए.

ये कंपनियां बनाएंगी यूपी को इंडस्ट्रियल हब?

यूपी इंवेस्टर्स समिट के मंच से बोलते हुए देश के बड़े उद्योगपतियों ने अगले कुछ वर्षों में हजारों करोड़ के निवेश के साथ-साथ राज्य में लाखों नए रोजगार पैदा करने का दावा किया है. इनमें यदि राज्य के सबसे बड़े निवेशक आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने राज्य की आर्थिक गतिविधियों में 25,000 करोड़ रुपये का निवेश का दावा किया तो देश के सबसे बड़े कारोबारी मुकेश अंबानी ने तीन साल में 10,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ एक लाख से अधिक नौकरियां देने का दावा किया. वहीं समिट में शिरकत कर रहे अडानी समूह के प्रमुख गौतम अडानी ने अगले कुछ वर्षों के दौरान राज्य में अपनी कंपनियों के विस्तार के लिए कुल 45,000 करोड़ रुपये के निवेश का दावा किया है.

इनके अलावा कई क्षेत्रों में विदेशी कंपनियों ने उत्तर प्रदेश के इवेस्टर समिट के दौरान राज्य में बड़े निवेश का ऐलान किया है. गौरतलब है कि महज डेयरी सेक्टर में नीदरलैंड समेत यूरोप की कंपनियों ने लगभग 500 समझौते करते हुए हजारों करोड़ के निवेश का खाका पेश किया है.

अब देखना यह है कि क्या उत्तर प्रदेश का यह इंवेस्टर समिट भी वाइब्रेंट गुजरात की तरह राज्य की आर्थिक तस्वीर को बदलने में कामयाब होता है? यदि आने वाले वर्षों में इन बड़े आर्थिक निवेशों का रास्ता साफ होता है और गुजरात मॉडल को यूपी में सफलता मिलती है तो आने वाले दिनों में चीन की बराबरी करने के लिए उत्तर प्रदेश अहम भूमिका अदा करते देखा जाएगा.

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