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ऐसी थी इन दोनों नेताओं की दोस्ती, एक ही तारीख को बने मौत के हमसफर

कहते है राजनीति में कोई सगा नही होता, नेता रिश्तेदारी नहीं निभा पाते तो दोस्ती कैसे निभायेगें, लेकिन आज हम आपको ऐसे दो नेताओं की दोस्ती के बारे में बताने जा रहे है जिनके दोस्ती इतनी गहरी थी कि उन्होंने एक ही तारीख को मौत को गले लगाया।ऐसी थी इन दोनों नेताओं की दोस्ती, एक ही तारीख को बने मौत के हमसफरदोस्त जो हम खुद चुनते है और दोस्ती हर रिश्ते से बढकर भी होती है। दोस्त ही वो इंसान होता है जो आपको कभी जज नहीं करता, हर कदम पर आपका साथ देता है। और कभी आपको अकेले नहीं छोड़ता। ऐेसे ही दो नेताओं की दोस्ती रही है। जिनकी दोस्ती की लोग मिसाल देते है। इन्होंने मरने तक भी एक दुसरे का साथ नहीं छोड़ा, यहां तक की मरने की तारीख भी एक चुनी। हम बात कर रहें है प्रमोद महाजन और गोपीनाथ मुंडे की। 

एक था किसान का बेटा थो दूसरा था टीचर

गोपीनाथ मुंडे का जन्म ग्राम नाथ्रा, तहसील परली, जिला बीड, महाराष्ट्र में में हुआ था। वही प्रमोद महाजन का जन्म 30 अक्टूबर 1949 को तेलंगाना के महबूब नगर में हुआ था।गोपीनाथ मुंडे जहां किसान के बेटे थे तो वहीं प्रमोद ब्राह्मण परिवार से आते थे। मुंडे ने वाणिज्य में उपाधि प्राप्त की थी तो प्रमोद ने भी टीचर की नौकरी की थी।

प्रमोद महाजन और गोपीनाथ मुंडे महाराष्ट्र के कॉलेज स्वामी रामानंद तीर्थ कॉलेज में साथ पढ़ते थे। यहीं से इन दोनों में दोस्ती की शुरुआत हुई,  बता दें कि पहले प्रमोद महाजन राजनीति में आए और फिर बाद में प्रमोद गोपीनाथ को राजनीति में लाए। दोनों नेता बचपन में ही आरएसएस से जुड़ गए थे। दोनों नेताओं को महाराष्ट्र के आदिवासियों की फ्रिक होती थी वह उनके लिए काम भी करते थे।दोनों की दोस्ती का कनेक्‍शन ऐसा कि एक ही डेट में दोनों नेताओं ने दुनिया छोड़ दी। एक को भाई ने गोली मारी तो दूसरा सड़का हादसे का शिकार हुआ। प्रमोद महाजन की डेथ 3 मई 2006 को हुई थी, वहीं आठ साल बाद सेम डेट को उनके दोस्त गोपीनाथ मुंडे की मौत 3 जून 2014 को सड़क हादसे में हुई थी।

अटल सरकार में रह चुके हैं दोनों मिनिस्टरदोनों नेता अटल बिहारी वाजपेयी के बहुत करीब थे। अटल सरकार में दोनों नेता मंत्री रह चुके हैं। प्रमोद महाजन और गोपीनाथ मुंडे केंद्र सरकार में कई विभाग के मिनिस्टर रह चुके हैं।बताया जाता है कि प्रमोद महाजन अटल जी के इतने करीबी थे की वह किसी भी मामले को लेकर महाजन से सलाह किया करते थे।अटल जी दोनों नेताओं से महाराष्ट्र के विकास को लेकर बात किया करते थे। दोनों नेता महाराष्ट्र में बीजेपी का चेहरा बने और दोनों कई गुटों और दलों को एक साथ लेकर चलने में माहिर थे। लालकृष्ण आडवाणी की सोमनाथ से अयोध्या रथयात्रा में महाजन का अहम रोल था। गोपीनाथ मुंडे मोदी सरकार में पंचायती ग्रामीण विकास मिनिस्टर भी थे।

 दोस्त की बहन से की शादी

 प्रमोद महाजन और गोपीनाथ मुंडे की दोस्ती कॉलेज से शुरू हुई थी जो और बाद में रिश्तेदारी में बदल गई थी। दोनों की दोस्ती ऐसी थी गोपीनाथ ने प्रमोद महाजन की बहन प्रज्ञा महाजन से 21 मई 1978 को शादी की थी।गोपीनाथ से प्रज्ञा की मुलाकात कॉलेज में पढ़ाई के दौरान हुई थी। प्रमोद महाजन को इस बात से कोई शिकायत नहीं थी मुंड़े उनकी बहन को पसंद करता है।

 

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