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कच्चा तेल ले जाने के लिए अब पैसे दे रहीं कंपनियां फिर भी नहीं बढ़ी सप्लाई

कच्चे तेल के विशाल भंडार और बड़े उत्पादक होने के दम पर उसकी मनमानी कीमतें वसूलने वाले देशों की हालत कोरोना ने इस कदर खराब रखी है कि उन्हें पैसे देने पर भी खरीदार नहीं मिल रहे हैं। अमेरिका में कुछ जगहों पर कच्चे तेल की कीमत नकारात्मक दायरे में चली गई हैं। इसका मतलब यह है कि कंपनी उपभोक्ताओं को तेल ले जाने के लिए पैसे दे रही है। कोरोना महामारी से सप्लाई घटने और सऊदी-रूस की तनातनी से संकट इस कदर बढ़ गया है कि तेल उत्पादक मुफ्त में तेल ले जाने के लिए 19 सेंट प्रति बैरल दे रहें है।

जिन क्रूड श्रेणियों की यह हालत हुई है, उनमें सबसे पहला नाम व्योमिंग असफाल्ट सावर है। एक ट्रेडिंग कंपनी मक्र्यूरिया एनर्जी ग्रुप लिमिटेड ने मध्य मार्च में इस क्रूड के लिए नकारात्मक 19 सेंट की बोली लगाई। विशेषज्ञों का कहना है कि इसका मतलब यह है कि मक्र्यूरिया एनर्जी ने उत्पादक से कहा कि उनके उत्पाद को ले जाने के लिए उन्हें अलग से यह राशि चाहिए। विशेषज्ञों का कहना है कि तेल उत्पादन में कटौती नहीं होने और भंडार भरे होने की वजह कंपनियां अपना कारोबार बंद कर सकती हैं।

एंजेल ब्रोकिग के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी एंड रिसर्च) अनुज गुप्ता का कहना कि तेल उत्पादक देशों में उत्पादन में कटौती को लेकर सहमति बनने बाद भी दाम में ज्यादा तेजी आने की उम्मीद बहुत कम है। उनका कहना है कि दुनियाभर में लॉकडाउन की स्थिति है और तेल के सबसे बड़ी खरीदार विमानन कंपनियों का कारोबार बंद है। ऐसे में इसके दाम 20 से 27 डॉलर के बीच रहने की उम्मीद है। गुप्ता का कहना है कि 20 डॉलर के करीब क्रूड की कीमत रहना उत्पादक देशों के लिए घाटे का सौदा है क्योंकि कई देशों में इतनी लागत आती है।

सबस अधिक मांग अमेरिकी ब्रेंट क्रूड की होती है जिसकी कीमत 20 डॉलर करीब है। लेकिन इसके अलावा कई अन्य तरह के क्रूड भी हैं जिनकी कीमत 10 डॉलर प्रति बैरल से भी नीचे चली गई है। कनाडा का कनाडियन वेस्टर्न सेलेक्ट पांच डॉलर प्रति बैरल के भाव पर बिक रहा है। मेक्सिको की खाड़ी का साउदर्न ग्रीन केन्यन 11 डॉलर प्रति बैरल भाव पर और ओकाहामा सावर करीब छह डॉलर के भाव पर बिक रहा है। नेब्रास्का इंटरिम डाइट का भाव आठ डॉलर प्रति बैरल और व्योमिंग स्वीट करीब तीन डॉलर प्रति बैरल पर बिक रहा है।

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