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कोरोना: इन उद्योगों पर लंबे समय तक रह सकता है संकट

नई दिल्ली: कोविड-19 की वजह से लागू राष्ट्रीय लॉकडाउन अगर अगले कुछ हफ्तों में पूरी तरह से खत्म भी हो जाए तो इसकी छाया से तमाम उद्योगों को निकलने में महीनों लग जाएंगे। प्रमुख शोध एजेंसी डन एंड ब्रैडस्ट्रीट ने देश के 16 प्रमुख उद्योगों और इन पर कोरोना वायरस से उपजी स्थिति पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की है जो बेहद चिंताजनक है। इसमें कहा गया है कि नौ ऐसे उद्योग हैं जो लॉकडाउन व अंतरराष्ट्रीय हालात से काफी लंबे समय तक प्रभावित रहेंगे।

इनमें पर्यटन, ऑटोमोबाइल, मनोरंजन, इलेक्‍ट्रॉनिक्स, हॉस्पिटैलिटी, इलेक्ट्रॉनिक्स, बैंकिंग, रत्न-आभूषण और छोटे व मझोले उद्योग सेक्टर हैं। चिंता की बात यह है कि देश में रोजगार के अवसरों को पैदा करने में इन उद्योगों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। अब देखना है कि सरकार जब उद्योग जगत के लिए अलग से पैकेज की घोषणा करने की तैयारी में है तो इन उद्योगों के लिए क्या किया जाता है।

रिपोर्ट के मुताबिक ड्रग्स व फार्मास्यूटिकल्स, रिटेल, थोक कारोबार, टेक्सटाइल और लाइवस्टॉक पर फिलहाल तो असर होगा, लेकिन यह असर बहुत दिनों तक नहीं दिखेगा। इनमें स्थिति बहुत ही तेजी से सामान्य हो सकेगी। लॉजिस्टिक्स और मेटल उद्योगों के बारे में कहा गया है कि ये बहुत ज्यादा दिनों तक दबाव में नहीं रहेंगे और अभी जो असर पड़ा है उसे जल्दी दूर करने में सफल होंगे। ज्यादा प्रभावित होने वाले उद्योगों में बैंकिंग के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले महीनों में फंस कर्जे (एनपीए) की समस्या केंद्रीय बैंक के अनुमान से भी ज्यादा रहेगी।

आरबीआइ ने कहा है कि सितंबर, 2020 तक एनपीए का स्तर कुल अग्रिम के मुकाबले 10.5 फीसद तक हो सकता है। अभी यह तकरीबन 9.5 फीसद है। रिपोर्ट का कहना है कि वास्तविक स्थिति इससे भी ज्यादा हो सकती है। पर्यटन उद्योग जो सबसे ज्यादा रोजगार देता है, के बारे में कहा गया है कि लंबे समय तक विदेशी पर्यटकों की संख्या बहुत ही सीमित रहेगी। शारीरिक दूरी व दूसरे स्वास्थ्य मानकों का पालन करना भी इस उद्योग के लिए मुश्किल भरा होगा। इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण उद्योग के बारे में कहा गया है कि इकोनॉमी की स्थिति खराब होने की वजह से इसकी मांग और नीचे चली जाएगी।

एविएशन और एसएमई काा पैकेज अंतिम दौर में

कोविड-19 की वजह से पस्त उद्योग जगत की तरफ से पैकेज की मांग पर संभवत: कदम बढ़ रहे हैं। माना जा रहा है कि अभी तक दो अहम औद्योगिक सेक्टर के लिए बड़े राहत पैकेज को लेकर सहमति बनती दिख रही है। जो तैयारी चल रही है, उसके मुताबिक छोटे व मझोले उद्योगों को तीन लाख करोड़ और एविएशन सेक्टर को तकरीबन 12 हजार करोड़ की अलग-अलग राहत दी जा सकती है। पैकेज में केंद्र की तरफ से सीधे आर्थिक मदद देने की जगह वित्तीय संस्थानों से सस्ते दरों पर कर्ज उपलब्ध कराने व शुल्कों में राहत देने के उपाय शामिल हैं। लॉकडाउन की वजह से अन्य तमाम उद्योगों की तरफ उक्त दोनों उद्योगों का चक्का पूरी तरह से थमा हुआ है।

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