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जापानी बुखार से मलकानगिरी में मृत बच्चों का आंकड़ा 50 पार

japanese_encephalitis_fever_20161014_85955_14_10_2016मलकानगिरी। ओडिशा के मलकानगिरी जिले में पिछले 36 दिनों में लाइलाज जापानी इनसेफिलाइटिस बुखार से मरने वाले बच्चों की संख्या 50 से ऊपर हो गई है। जिला अस्पताल में इस ज्वर से रोजाना मौतें हो रही है और इलाज के लिए भर्ती 60 से अधिक बच्चों के माता-पिता सकते में हैं। बुधवार की दोपहर जिला अस्पताल में चार साल के बच्चे रामा माढ़ी ने दम तोड़ दिया है। वहीं गुस्र्वार को पोडिया ब्लॉक के कटांगपाली गांव की रेबिका माडकामी (07) तथा डारीगुड़ा के अमित माड़कामी (05) ने जिला अस्पताल में दम तोड़ दिया है।

इसके साथ ही पिछले 36 घंटे में 6 बच्चों की मौत हो गई है। इस बुखार का प्रसार अब जिले के बाहर भी हो रहा है। पड़ोसी जिले कोरापुट में दो बच्चों ने दम तोड़ दिया है। जिला अस्पताल में ग्रामीण क्षेत्र के पालक अपने बीमार बच्चों के साथ बड़ी उम्मीद के साथ आ रहे हैं पर वार्ड से बच्चों के शव ही बाहर निकल रहे हैं।

लाइलाज माने जाने वाले जापानी इनसेफिलाइटिस के जर्म क्यूलेक्स विशनोई मच्छर के काटने से मानव शरीर में आते हैं। इसका संवहन सूकरों के माध्यम से मच्छरों से होते हुए इंसानों में फैलता है। चूंकि बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है इसलिए बच्चों की मौत हो रही है।

मौतों के न थमने वाले सिलसिले को रोकने के लिए संवेदनशीलता दिखाने की बजाय अब इस मामले पर जहां राजनैतिक आरोप- प्रत्यारोप तेज हो चले हैं वहीं स्थानीय स्वास्थ्य विभाग इस वर्ष बेहतर मानसून को जवाबदार बता रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक सितम्बर के अंत तक बारिश होती रही है जिससे बड़ी संख्या में मच्छर पनपे हैं।

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