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टुकड़ों में बदले जवानों के ज‍िस्म, दिल दहला देंगी CRPF पर हमले की ये तस्वीरें

जम्मू कश्मीर में पुलवामा के गोरीपोरा इलाके में एक बार फिर आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर हमला कर दिया. आतंकियों ने सेना के काफिले के पास आईईडी धमाका किया. इस हमले में 44 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए. इनमें से 42 जवान सीआरपीएफ के और 2 रोड ऑपरेट‍िंग पार्टी के हैं. 30 से ज्यादा जवान घायल बताए जा रहे हैं.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, धमाका इतना तेज था कि सेना की गाड़ी के परखच्चे उड़ गए. कई जवानों ने तो मौके पर दम तोड़ दिया. घायलों को अस्पताल में भर्ती किया गया है.

धमाका इतना तेज था क‍ि गाड़‍ियों में जगह-जगह छेद हो गए. ऐसा लगा क‍ि जैसे क‍िसी ने गाड़‍ियों पर गोल‍ियां चलाई हों.

हमले में एक मेजर समेत 44 जवान शहीद हो गए हैं. घायल जवानों का इलाज किया जा रहा है. धमाके के बाद सड़क खून से सन गई है. जगह-जगह मलबा और शव बिखरे हुए हैं. मौके पर बचाव कार्य जारी है.

आतंकियों ने आत्मघाती धमाके के जरिए सुरक्षाबलों को निशाना बनाया है. सड़क पर हर तरफ मलबा ही मलबा नजर आ रहा है. इन्हीं में कई जवानों के अवशेष पड़े हुए हैं.

सीआरपीएफ के अनुसार, दर्जनभर गाड़ियों में 2500 से ज्यादा जवानों का काफिला पुलवामा की तरफ जा रहा था. इस बीच आतंकियों ने सुरक्षाबलों को निशाना बनाया है.

इस आत्मघाती हमले का शिकार 76Bn CRPF की बस हुई थी. यात्रियों की सूची के अनुसार उस बस में 42 तो उसके पीछे चल रही बस में करीब 39 जवान थे. बताया जा रहा है क‍ि एक कार में खतरनाक एक्सप्लोस‍िव रखा हुआ था. वह कार काफि‍ले में घुसी और इस बस से टकराई. इसके बाद वहां भयानक ब्लास्ट हो गया.

पुलिस अधिकारियों की माने तो इस हमले में 44 अर्धसैनिक बल के जवान शहीद हुए हैं. घायल जवानों को सेना के 92 बेस अस्पताल श्रीनगर के बादामीबाग में भर्ती कराया गया है. सीआरपीएफ अधिकारी ने कहा कि CRPF 92, 17 और 54 बटालियन के 42 जवान बस में सवार थे. बस में 37 जवान, 3 एस्कॉर्ट, 1 COMDR और 1 ड्राइवर मौजूद थे.

जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने CRPF के काफिले पर आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली है, जिसमें 44 से अधिक जवानों के शहीद होने की खबर है.

इसको अंजाम देने वाला ड्राइवर पुलवामा के गुंडई बाग का रहने वाला है. इसका नाम आदिल अहमद उर्फ वकास कमांडो है. आदिल अहमद का एक फोटो भी सामने आया है.

आत्मघाती हमले को अंजाम देने वाला है आदिल अहमद डार, पुलवामा के काकपोरा का ही रहने वाला है.

वह पिछले साल फरवरी में जाकिर मूसा के गज़वत उल हिंद संगठन में शामिल होने के बाद आतंकी बना था. कुछ महीने पहले ही उसने जैश ज्वॉइन की थी.

कश्मीर घाटी में काफी लंबे समय के बाद आतंकियों ने आत्मघाती हमले के जरिए सुरक्षाबलों पर बड़े हमले को अंजाम दिया है.

इससे पहले 18 सितंबर 2016 को आतंकियों ने उरी में बड़ा हमला किया था, जिसमें 19 जवान शहीद हुए थे. ये उरी से भी बड़ा हमला साब‍ित हो रहा है.

आजतक से बातचीत करते हुए जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि इतना बड़ा काफिला लेकर चलना उचित नहीं था. स्थानीय लोगों को आतंकी भड़का रहे हैं. हमारे सुरक्षाकर्मी मुश्किल परिस्थितियों में काम कर रहे हैं. हम सभी आतंकियों को खत्म करके दम लेंगे.

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