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दुआ करें कि पीएम मोदी को बुलेट ट्रेन में नीचे न सोना पड़े!

नई दिल्‍ली। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे दो दिन की भारत यात्रा पर आए हैं। कल (14 सितंबर 2017) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्‍ट बुलेट ट्रेन की नींव रखी जाएगी। इस कार्यक्रम में दोनों देशों के नेता होंगे। सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि ये प्रोजेक्‍ट 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा। लेकिन अभी जो इंडियन रेलवे की हालत है उसे देखकर बुलेट ट्रेन सपना ही लगता है। एक के बाद एक हो रहे रेल हादसे इसे मुश्‍किल बना रहा हैं। त्‍योहारों के समय में यात्रियों को कंफर्म टिकट मिलने में दिक्‍कत होती है। अगर किसी को मिल जाए तो समझिए उसने मैदान मार लिया वरना ट्रेन की फर्श पर बिस्‍तर लगाकर सफर करना पड़ता है। देश में लाखों लोग ऐसे होंगे जिन्‍होंने ट्रेन में इस तरह सफर किया होगा और आम आदमी की तो बात ही छाडि़ए, हमारे प्रधानमंत्री को भी ट्रेन में नीचे बिस्‍तर बिछा कर सोना पड़ा। आइए बताते हैं आपको पूरी कहानी।

दुआ करें कि पीएम मोदी को बुलेट ट्रेन में नीचे न सोना पड़े!लखनऊ टू दिल्‍ली ट्रेन में हुई परेशानी

इंडियन रेलवे सर्विस की एक वरिष्‍ठ अधिकारी लीना शर्मा ने 26 साल पहले हुए इस घटना का जिक्र किया है। साल 2014 में लीना शर्मा ने एक अंग्रेजी अखबार में लिखा था कि वो एक बार लखनऊ से दिल्ली जाने के लिए ट्रेन में चढ़ीं। उन ट्रेन में 2 सांसद पहले से मौजूद थे। जिनके साथ 12 यात्री भी थे जोकि बिना टिकट थे। लीना ने लिखा था कि वो लगातार हमे परेशान कर रहे थे और आखिर में हमने सीट छोड़ने का फैसला किया। रात को खौफनाक करार देते हुए लीना ने लिखा की किसी तरह रात बिताने के बाद हम सुबह दिल्ली पहुंचे।

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अगले दिन दिल्‍ली टू अहमदाबाद ट्रेन

लीना ने लिखा है कि अगले ही दिन उन्‍हें अहमदाबाद जाना था। समय कम होने की वजह से हमारी टिकट कंफर्म नहीं हुई लेकिन टीटी से निवेदन करने पर उन्होने सीट दिलाने का आश्वासन दिया, और हमें ले जाकर दो लोगों के पास बैठा दिया, ये कहते हुए कि ये दोनों इस रुट के रेगुलर यात्री हैं आप आराम से बैठें।

फिर वहां हुआ ये अनुभव

लीना ने अपने लेख में लिखा कि पहले के अनुभव को लेकर हम तब डर गए जब दोनों ने अपना परिचय बीजेपी नेता के तौर पर दिया थोड़ी देर बैठने पर हमे इस बात का विश्वास हो गया कि ये दोनों पुरुष सभ्य हैं। उसके बाद टीटी ने हमे जानकारी दी कि वो सीट उपलब्ध नहीं हो पाएगी। उस वक्त उन दोनों नेताओं ने फैसला किया कि वो हमें अपनी सीट देंगे और खुद जमीन पर सोएंगे।

साथ में किया डिनर

कुछ ही देर में शाकाहारी थाली आई, हमने एक साथ भोजन किया और उसका बिल एक गंभीर दिखने वाले पुरुष ने किया, उस वक्त मैने नाम पूछा तो उन्होने अपना नरेंद्र मोदी और शंकर सिंह वाघेला बताया। उस रात शंकर सिंह वाघेला और नरेंद्र मोदी ने फर्श पर अपना बिस्तर लगाया और सो गए। रात में हमारी यात्रा जब पूरी हुई तो दोनों ही नेताओं ने इस बात का विश्वास दिलाया कि किसी परेशानी की स्थिति में आप हमे निसंकोच संपर्क कर सकती हैं। लीना शर्मा ने अपने लेख में लिखा की ट्रेन से उतरते वक्त मैने दोनों नेताओं का नाम अपनी डायरी में लिखा था।

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