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भारत का फर्नीचर अब विदेशी बाजारों में जमाएगा धाक, सरकार बढ़ाएगी निर्यात

अब भारत का फर्नीचर जल्द ही विदशी बाजारों में भी अपनी धाक जमाता नजर आएगा। दरअसल सरकार फर्नीचर के निर्यात को लेकर खासी गंभीर है। वाणिज्य मंत्रालय ने अपनी विदेश व्यापार इकाई डीजीएफटी को एक निर्यात संवर्धन परिषद की पहचान करने के लिए कहा है, जो भारत से फर्नीचर के निर्यात को प्रोत्साहन देने की दिशा में काम कर सके। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) देश के आयात और निर्यात से जुड़े मुद्दों से संबंधित नीतियों पर गौर करता है। भारतीय निर्यात संवर्धन परिषद के चेयरमैन मोहित सिंगला ने 24 अक्तूबर को वाणिज्य मंत्रालय द्वारा बुलाई गई बैठक में भारत से फर्नीचर के निर्यात को प्रोत्साहन देने के मुद्दे को उठाया था। एक अधिकारी ने कहा कि बैठक में मशीन निर्मित फर्नीचर के निर्यात की संभावनाओं पर चर्चा की गई।

बैठक में कहा गया कि भारत से फर्नीचर के निर्यात को 10 अरब डॉलर (71 हजार करोड़ रुपये) तक बढ़ाने की संभावना हैं, जो फिलहाल 40 करोड़ डॉलर (2,800 करोड़ रुपये) के स्तर पर है। वर्तमान में फर्नीचर का निर्यात तीन अलग-अलग निर्यात संवर्धन परिषदों के दायरे में आता है, जो फर्नीचर के प्रकार पर निर्भर है। सरकार देश से निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए तीन सेक्टर केंद्रित परिषदों को वित्तपोषण करती है।

वैश्विक निर्यात में चीन, वियतनाम सहित पांच देशों का वर्चस्व
अधिकारी ने कहा, ‘डीजीएफटी से निर्यात संवर्धन परिषद की पहचान करने के लिए कहा गया है, जो मुख्य रूप से फर्नीचर के निर्यात को प्रोत्साहन देने पर काम करेगी।’ सिंगला ने कहा कि वैश्विक स्तर पर 264 अरब डॉलर का फर्नीचर निर्यात होता है, जिसमें आधी से ज्यादा बाजार हिस्सेदारी बांच देशों चीन, जर्मनी, पोलैंड, इटली और वियतनाम की है।

भारत में पांच अरब डॉलर का है उद्योग, 3.5 लाख को रोजगार
उन्होंने कहा कि देश में फर्नीचर का एक मेगा क्लस्टर बनाए जाने की जरूरत है, क्योंकि सेक्टर के ज्यादातर एमएसएमई एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘असंगठित क्षेत्र का वर्चस्व होने के कारण भारत के फर्नीचर सेक्टर की स्थिति खासी कमजोर है और इनमें ज्यादातर हाथ से निर्मित फर्नीचर आता है। भारत का फर्नीचर उद्योग लगभग 5 अरब डॉलर का है और फिलहाल इसमें लगभग 3.5 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है।’

उन्होंने कहा कि इन सूक्ष्म और लघु कंपनियों की संभावनाओं को अधिकतम स्तर पर ले जाने के लिए उत्पादकता का स्तर, गुणवत्ता औ डिजाइन मानकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाना जरूरी है। इससे सेक्टर के विकास में खासा योगदान होगा।

सीफूड का निर्यात बढ़ाएगी सरकार
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सीफूड के निर्यात को आने वाले वर्षों में 30 अरब डॉलर के स्तर पर ले जाने पर चर्चा की। केंद्रीय मंत्री ने एक ट्वीट के माध्यम से कहा, ‘मछली निर्यात को बढ़ावा देने के मुद्दे पर सीफूड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की और निर्यात को 30 अरब डॉलर तक ले जाने के वास्ते रोडमैप तैयार करने पर चर्चा हुई। गोयल ने कहा कि सरकार मछुआरों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। भारत से लगभग 7 अरब डॉलर का सीफूड निर्यात होता है, जिसमें सबसे ज्यादा हिस्सेदारी झींगा और मछली की है।

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