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राफेल डील की CBI जांच के लिए SC पहुंचे भूषण, सिन्हा और शौरी

फ्रांस के साथ हुए राफेल रक्षा सौदे को लेकर प्रशासनिक और राजनीतिक घमासान मचा है इसी के बीच डील पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक और जनहित याचिका दायर की गई है.

वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण, पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में राफेल विमान सौदे में कथित गड़बड़ी की जांच की मांग की है. उन्होंने कोर्ट से यह भी मांग की है कि मामले की जांच कर रहे सीबीआई के अधिकारियों का ट्रांसफर न किया जाए.

गौरतलब है कि प्रशांत भूषण और अरुण शौरी ने 4 अक्टूबर को तत्कालीन सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा से मुलाकात की थी और राफेल लड़ाकू विमान सौदे से जुड़ी ऑफसेट निविदा में कथित भ्रष्टाचार की जांच की मांग की थी. अब आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने के बाद बदली हुई परिस्थिति में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दावा किया गया है कि उनकी शिकायत पर FIR नहीं हुई, क्योंकि सीबीआई पर काफी दबाव था, जिस वजह से एजेंसी अपने दायित्व का निर्वहन निष्पक्षता से नहीं कर पाई.

याचिका में मांग की गई है कि…

> राफेल डील मामले में FIR दर्ज हो.

> कोर्ट की निगरानी में जांच हो.

> केंद्र को निर्देश दिए जाए कि वो जांच में शामिल सीबीआई अधिकारियों का ट्रांसफर न करे.

बता दें कि सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा को हटाए जाने के बाद वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने ट्वीट में लिखा था कि अस्थाना को जांच से बचाने के अलावा सीबीआई निदेशक द्वारा राफेल डील शौरी, सिन्हा और मेरी शिकायत पर विचार करना, सरकार द्वारा उन्हें आधी रात में हटाने की एक वजह जरूर है.

उल्लेखनीय है कि राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में एक अन्य याचिका पहले से दाखिल है, जिसपर सुनवाई करते हुए 10 अक्टूबर को कोर्ट ने सरकार से कहा था कि 29 अक्टूबर तक राफेल डील की प्रक्रिया की जानकारी उपलब्ध कराए. इस मामले में अगली सुनवाई 31 अक्टूबर को होनी है.

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