उत्तर प्रदेश

स्वाइन फ्लू को लेकर प्रदेश भर में अलर्ट जारी 

स्वास्थ्य विभाग ने भेजा स्वाइन फ्लू से निपटने की एडवाइजरी नोट
कहा दिसंबर में कर ले जरूरी इंतजाम और बरते एहतियात 

मेरठ : स्वाइन फ्लू का खतरा फिर से मंडराने लगा है। इससे निपटने के लिए विभाग अभी से तैयार हो गया है। इसके लिए प्रदेश के सभी सीएमओ को एच1एन1 की तैयारियों हेतु एडवाइजरी के संबंध में दिनांक 6 दिसंबर को एक पत्र जारी कर इससे बचने के लिए तैयारी के निर्देश जारी किए गए है। निदेशक संक्रामक रोग/ वीबीडी उप्र की ओर से जारी इस पत्र में सीएमओ को निर्देश दिए गए हैं कि वे एन्फलूएन्जा-ए-एच1एन1 से निपटने की तैयारी पूरी करें। बताते चले कि स्वाइन फ्लू के खतरे को देखते हुए निदेशक राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने अपने पत्र संख्या टी0-18015 /124/2017 के माध्यम से दिनांक 5 दिसंबर को स्वाइन फलू से ग्रसित राज्यों को एडवाइजरी भेजी है। जिसके द्वारा एन्फलूएन्जा-ए-एच0एन0 रोग की तैयारियों से संबंधित आवश्यक कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। 

गर्मी से लोगों को चपेट में ले रहा स्वाइन फ्लू कहर :- बताते चले कि एन्फ्लूएन्जा-ए-एच0एन0 (स्वाइन फ्लू) का वायरस अधिकतर कम तापमान में ही अपना असर दिखाता है लेकिन इस बार इस वायरस ने अपना प्रकोप गर्मी के महीनों से ही दिखाना शुरू कर दिया था और अगस्त से लेकर अक्टूबर तक मेरठ में ही इसकी चपेट में सौ से अधिक मरीज आ चुके थे। सीएमओ डा0 राजकुमार के मुताबिक मेरठ में इन दो महीनों में स्वाइन फ्लू से अधिक लोग पीडित हुए। इस वर्ष करीब 400 से अधिक मरीज स्वाइन फ्लू वायरस की चपेट में आए। जिनमें से 34 लोगों की समय पर इलाज न मिलने के कारण मौत हो गई। स्वाइन फ्लू का प्रकोप दिसंबर से मार्च तक होता है ठंड बढने से इसके वायरस के फैलने की आशंका बनी हुई है। इस कारण उप्र संचारी रोग विभाग के निदेशक डा0 बद्री प्रसाद ने सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी किए है। 

क्या हैं लक्षण :- स्वाइन फ्लू के लक्षण हैं सर्दी, जुकाम, सूखी खांसी होना, थकान होना, सिरदर्द और आंखों से पानी आना। किसी मरीज की सांस भी फूलने लगती है। संक्रमण तेज है तो बुखार तेज हो जाता है। 

ये रखे सावधानियां :- सीएमओ डा0 राजकुमार के अनुसार बीमारी से बचने के लिए हाइजीन का खासतौर पर ध्यान रखना चाहिए। खांसते समय, छीकते समय टीशू से कवर रखें। बाहर से आकर हाथों को साबुन से अच्छी प्रकार से धोए। एल्कोहल बेस्ड सेनिटाइजर का प्रयोग करें। जिन लोगों में इसके लक्षण हो उन्हें मास्क पहनना चाहिए। मरीज को क्लोज कांटेक्ट से बचना चाहिए। रेग्यूलर ब्रेक पर हाथ धोए। इसके टेस्ट के लिए गले और नाक के द्रव्यों का टेस्ट होता है। बिना चिकित्सीय सलाह के टेस्ट न करवाए। तेज बुखार होने पर तुरंत चिकित्सीय सलाह लें।  

बोले सीएमओ :- सीएमओ डा0 राजकुमार ने बताया कि स्वाइन फ्लू ने पहले ही दस्तक दे दी है। इस संबंध में जो निर्देश प्राप्त हुए हैं उनका अनुपालन कराया जा रहा है। इससे निपटने की तैयारी बहुत पहले से है। जिला अस्पताल और सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त संसाधन उपलब्ध है। अलग से वार्ड बनाए गए है। उनमें बेडों की संख्या और दवाइयां पर्याप्त मात्रा में है। 

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