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13000 करोड़ की कम्पनी ‘रेमंड’ का मालिक आज अपने बेटे की वजह से पैसे के लिए हुआ मजबूर

मुंबई: देश के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक, विजयपत सिंघानिया, जिन्होंने रेमंड लिमिटेड को देश में सबसे बड़े परिधान ब्रांडों में से एक बनाया है, आज जिस परिस्थिति में है सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे। ये समय की विडंबना है या फिर संतान से प्यार करने की सजा आज जो चाहे कह सकते है पर आज 13000 करोड़ के मालिक विजयपत सिंघानिया एक किराये के घर में रहने को मजबूर है जिसका किराया चुकाने के लिए भी उन्हें अपने बेटे के आगे हाथ फैलाने पर मजबूर होना पड़ रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, जिस व्यक्ति ने लगभग 20 वर्षों तक ब्रांड का निर्माण और संवर्धन किया था, आज उन्हें के बेटे गौतम सिंघानिया ने अपने पिता की सारी प्रॉपर्टी अपने नाम कराने के बाद आज उन्हें रास्ते पर लाकर खड़ा कर दिया है। अपने आपको इस दुखद परिस्थिति से निकालने के लिए विजयपत सिंघानिया ने मुंबई हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

सिंघानिया के वरिष्ठ वकील दिनीर मदन ने अदालत से कहा कि सेवानिवृत्त कारोबारी टाइकून अब वित्तीय रूप से संघर्ष कर रहा है। वकील ने अदालत से कहा, “जब 78 वर्षीय ने अपने बेटे को अपनी सारी संपत्ति को अपने बेटे को दे दी , अब उसका बेटा उसे इसी संपत्ति से निकाल रहा है।” हालांकि, वकील ने कंपनी से प्रति माह 7 लाख रुपये की मांग की है, दावा करते हुए कि सिंघानिया कंपनी की लागत पर एक वैकल्पिक आवास के हकदार थे।

इसके अलावा, 78 वर्षीय सेवानिवृत्त टाइकून ने अपने बेटे गौतम सिंघानिया को लगभग 1,000 करोड़ रुपये के अपने सभी शेयरों को छोड़ दिया था। मामले की सुनवाई के बाद, न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी ने उनसे इस मामले को अपने आप में स्थापित करने और सुलझाने के लिए कहा है। सुनवाई की अगली तारीख 22 अगस्त के लिए निर्धारित की गई है। हालांकि, कोर्ट ने रेमंड को 18 अगस्त तक अपना जवाब दर्ज करने के लिए कहा है जिसमें डुप्लेक्स के दावे के संबंध में एक आदेश आदेश जारी किया गया था।

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