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ऊर्जा मंत्री रहे पीयूष गोयल को अपने मंत्रालय का प्रभाव बखूबी संभालने के लिए प्रमोशन मिला है। अब उनके पास रेल मंत्रालय है, जिसमें उसका सबसे बड़ा चैलेंज यात्रियों की सुरक्षा है। दरअसल, पिछले कुछ महीनों में हुए लगातार रेल हादसों की वजह से पूर्व रेल मंत्री सुरेश प्रभु को अपने इस्तीफे की पेशकश सरकार के आगे करनी पड़ गई थी और ऐसा हुआ भी, क्योंकि उन्हें ये मंत्रालयल छोड़ना पड़ गया।
पिछले आकंड़ों को देखा जाए तो पिछले तीन सालों में हर साल करीब 115 हादसे हुए हैं, जिनमें करीब 650 लोगों की जान चली गई। गोयल के सामने सुरक्षा के अलावा बुलेट ट्रेन्स और रेल स्टेशनों के आधुनिकीकरण पर जोर देना भी एक चैलेंज रहेगा।
सुरेश प्रभु की FDI पर रहेगी नजर
रेल मंत्रालय छोड़ चुके सुरेश प्रभु को वाणिज्य मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया है। यात्रियों की सुरक्षा को लेकर सवालों में आए सुरेश प्रभु का देश की कैपिटल को बढ़ाने सबसे बड़ा चैलेंज रहेगा। जीएसटी लागू होने के बाद उनकी जिम्मेदारियां बढ़ जाएंगी। चार्टेड अकांउटेंड रहे सुरेश प्रभु ने कहा कि उनका अकाउंट्स में रहा उनका अनुभव मंत्रालय के लिए काम आएगा।
उनकी नजर एफडीआई के क्षेत्र को बढ़ावा देने पर भी रहेगी। विदेशी व्यापार पॉलिसी पर भी जोर दिया जाएगा।
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ऊर्जा क्षेत्र में कई गंभीर कदम उठाना
कभी लाल कृष्ण अडवाणी के रथ को रोक कर सुर्खियों में आए पूर्व आईएस अधिकारी आर के सिंह को ऊर्जा मंत्रालय दिया गया है। पीयूष गोयल के बाद मंत्रालय का कार्यभार संभालने वाले आर के सिंह ने कहा कि पीयूष के कामकाज करने के तरीके से मंत्रालय को संभालने में उन्हें काफी मदद मिलेगी। लेकिन उनके सामने भी कई चैलेंज हैं:-
-ऊर्जा क्षेत्र में मांग और आपूर्ति के बीच अंतर को पाटना
-देश के 34 थर्मल पावर प्लांट जिन पर 1.77 लाख करोड़ का कर्ज है
-ऑपरेशनल पावर प्लांट – कैपेसिटी का मात्र 68 फीसदी उत्पादन कर रहे हैं
-राज्यों की पावर कंपनियां और पावर वितरण कंपनियों की स्थिति को सुधारना है
हरदीप सिंह पुरी
1974 बैच के आईपीएस अधिकारी हरदीप सिंह पुरी को शहरी एवं विकास मंत्रालय का कार्य प्रभार सौंपा गया है। उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती स्वच्छ भारत मिशन से जुड़ा सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट में सुधार लाना है। मैनेजमेंट खराब प्रदर्शन से गुजर रहा है, जिसका सुधार हरदीप सिंह पुरी के लिए अहम रहेगा। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के ठंडे बस्ते में जाने की समस्या को दूर करना भी हरदीप सिंह के लिए चुनौती रहेगी। अर्बन ट्रांसफॉरमेशन प्रोजेक्ट्स में प्राइवेट पार्टीशिपेशन को बढ़ाना भी उनके लिए एक चैलेंज रहेगा।