प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि उनकी सरकार देश में आर्थिक अनियमितताओं के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है और आगे भी उठाएगी. साथ ही प्रधानमंत्री ने वित्तीय संस्थानों को और अधिक निष्ठा के साथ निगरानी का दायित्व निभाने की नसीहत भी दी.
पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के बाद इस मुद्दे पर पीएम मोदी पहली बार बोले.पीएम मोदी ने कहा कि जिन वित्तीय संस्थानों को निगरानी और मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई है, वह पूरी ईमानदारी के साथ अपनी ज़िम्मेदारी निभाएं.
हालांकि प्रधानमंत्री ने पीएनबी घोटाले या किसी भी अन्य आर्थिक अनियमितता के मामले का अपने संबोधन में सीधे ज़िक्र नहीं किया लेकिन उनका संकेत स्पष्ट रूप से इन मामलों से संबंधित मालूम दे रहा था.
ध्यान रहे कि पीएनबी घोटाले और अन्य वित्तीय अनियमितताओं को लेकर लगातार विपक्षी दल और कुछ विश्लेषक यह मांग करते आ रहे हैं कि प्रधानमंत्री को इन मामलों पर सरकार का रुख स्पष्ट करना चाहिए और अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए.
शुक्रवार की शाम प्रधानमंत्री मोदी एक आर्थिक समाचारपत्र के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे. इसी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने अपने ये विचार रखे.
ज़िम्मेदारी निभाएं वित्तीय संस्थाएं
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि ये सरकार आर्थिक विषयों से संबंधित अनियमितताओं के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई कर रही है, करेगी और करती रहेगी. जनता के पैसे का अनियमित अर्जन, इस सिस्टम को स्वीकार नहीं होगा.
उन्होंने वित्तीय संस्थाओं को नसीहत देते हुए कहा ‘एक अपील मैं ये भी करना चाहता हूं कि विभिन्न वित्तीय संस्थाओं में नियम और नीयत यानि एथिक्स बनाए रखने का दायित्व जिन्हें दिया गया है वो पूरी निष्ठा से अपना कर्तव्य निभाएं. विशेषकर जिन्हें निगरानी और मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई है.’
वित्तीय अनियमितताओं के अलावा प्रधानमंत्री जिन विषयों पर बोले उनमें से दूसरा अहम विषय महंगाई का है. उन्होंने स्पष्ट कहा कि महंगाई बढ़ती है तो बढ़े, महंगाई बढ़ती देखने वाले ये भी देखें कि किसानों को बेहतर न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलेगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार हर हाल में किसानों को डेढ़ गुना एमएसपी देने के पक्ष में है. देश में इससे महंगाई बढ़ने का भी यदि आंकलन है तो किसानों को उनके हक का पैसा दिलाया जाएगा. लिहाजा, पीएम मोदी ने देश में अन्य सभी वर्गों से कहा कि वह इस काम को पूरा करने के लिए अपना योगदान दें.
नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसानों की खेती में लागत जोड़ने के लिए किसान के परिश्रम का मूल्य, मवेशी खरीदने अथवा किराए पर लेने का खर्च, बीज की खर्च, खाद, सिंचाई, लैंड रेवेन्यू, ब्याज, लीज की जमीन का किराया जैसे सभी खर्चों को शामिल किया जाएगा. इसके अलावा, उसकी लागत का मूल्यांकन करने के लिए किसान और उसके परिवार के सदस्यों का परिश्रम मूल्य भी जोड़ा जाएगा.