व्यापार
जेएलएल इंडिया के अनुसार, 2017 में सात शहरों के 4.40 लाख फ्लैट्स बिक नहीं पाए
साल 2017 भारत की अर्थव्यवस्था के साथ-साथ रियल एस्टेट के लिए भी मुश्किलों भर रहा। देश के 7 बड़े शहरों में 4,40,000 आवासीय इकाइयां 2017 में बिक नहीं पाईं। प्रॉपर्टी कंसल्टेंट जेएलएल इंडिया के मुताबिक, बिक न पाई प्रॉपर्टीज के मामले में सबसे पहला नंबर दिल्ली-एनसीआर का रहा जहां 1,50,000 फ्लैट खाली रह गए।
जेएलएल का मानना है कि बिक न रही प्रॉपर्टीज की संख्या बढ़ने से इनकी कीमतों में गिरावट आएगी। जेएलएल के सर्वे के मुताबिक, ‘देश के बड़े शहरों में 2017 के अंत तक 4.40 लाख आवासीय इकाइयां बिक नहीं पाईं।’ इस सर्वे में मुंबई, दिल्ली-एनसीआर, चेन्नै, हैदराबाद, पुणे, बेंगलुरु, कोलकाता को शामिल किया गया था। सर्वे के मुताबिक, बिक न पाए कुल आवासीय इकाइयों में 34,700 रेडी-टु-मूव-इन फ्लैट्स थे।
दिल्ली-एनसीआर में सबसे अधिक 1.50 लाख आवासीय यूनिट्स 2017 में बिक नहीं पाईं। जेएलएल इंडिया के सीईओ और कंट्री हेड रमेश नायर ने कहा, ‘रेजिडेंशल मार्केट में पिछले कुछ दिनों से आधारभूत बदलावों के कारण वेट ऐंड वॉच वाले मोड में है।’ रियल एस्टेट सेक्टर में रेरा कानून, नोटबंदी और जीएसटी की वजह से कंस्ट्रक्शन और डिमांड में स्लोडाउन आया था। नायर ने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि आधे साल के बाद डिमांड में फिर तेजी आएगी और प्रॉपर्टी रेट्स में गिरावट के कारण अच्छी स्थिति बन सकती है।’