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लॉकडाउन से इकॉनमी को 10 लाख करोड़ के नुकसान का अंदेशा…

घरेलू रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने सोमवार (27 अप्रैल) को भारत की 2020- 21 की आर्थिक वृद्धि के अपने अनुमान को करीब आधा कम करते हुए 1.8 प्रतिशत कर दिया। एजेंसी ने कहा है कि कोरोना वायरस पर नियंत्रण के लिए लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था को कुल मिलाकर 10 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान है। प्रति व्यक्ति के हिसाब से यह नुकसान 7,000 रुपयें तक बैठता है।

एजेंसी ने कोविड- 19 संकट के बीच सरकार की अबतक की नपीतुली प्रतिकिया की आलोचना की है और कहा है कि सरकारी समर्थन में जबर्दस्त वृद्धि होनी चाहिए। एजेंसी ने इससे पहले चालू वित्त वर्ष के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (र्जीडीपी) में छह प्रतिशत वृद्धि का अनुमान व्यक्ति किया था जिसे मार्च अंत में घटाकर 3.5 प्रतिशत और अब 1.8 प्रतिशत पर ला दिया गया है।

एक अन्य रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एण्ड रिसर्च (इंड- आरए) ने भी भारत की 2020- 21 की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को और घटाकर 1.9 प्रतिशत कर दिया है। यह पिछले 29 साल में सबसे कम वृद्धि होगी।

केन्द्र सरकार ने हाल ही में कोविड- 19 से प्रभावित गरीब जनता को समर्थन देने के लिये 1.70 लाख करोड़ रुपए का पैकेज जारी किया है। इस पैकेज की इस बात को लेकर आलोचना हो रही है कि यह पैसा पहले से ही दिया जा रहा है, यह पूरी तरह से नया नहीं है। उधर, रिजर्व बैंक ने भी कुछ कदम उठाए हैं जिसमें ब्याज दर कम करने के साथ ही तरलता बढ़ाने के उपाय भी शामिल है।

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