एक साल में भरा है एक लाख से अधिक का बिजली बिल, तो आयकर रिटर्न में जानकारी देना है जरूरी
नई दिल्ली:आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2019-20 का इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए फॉर्म को अधिसूचित कर दिया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने आकलन वर्ष 2020-21 के लिए Sahaj (ITR-1), Form ITR-2, Form ITR-3, Form Sugam (ITR-4), Form ITR-5, Form ITR-6, Form ITR-7 और Form ITR-V को नोटिफाई कर दिया है। विभाग ने कोविड-19 महामारी की वजह से विभिन्न चीजों के लिए समयसीमा में की गई वृद्धि का लाभ असेसीज को देने के लिए वित्त वर्ष 2019-20 के आयकर रिटर्न फॉर्म्स में संशोधन किए हैं। इससे पहले सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 का आयकर रिटर्न भरने की समयसीमा को बढ़ाकर 30 नवंबर, 2020 कर दिया था।
सरकार ने एक वित्त वर्ष में बिजली बिल के रूप में एक लाख रुपये से अधिक का भुगतान करने वाले और चालू खाते में एक करोड़ रुपये से अधिक की राशि रखने वालों के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरना अनिवार्य कर दिया है। इसके अलावा विदेश यात्रा पर दो लाख रुपये से अधिक के खर्च की जानकारी देना भी जरूरी बना दिया गया है।
टैक्स में छूट प्राप्त करने के लिए अब भी कर सकते हैं निवेश
केंद्र सरकार ने कोविड-19 की वजह से लागू लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए करदाताओं को कुछ सहूलियतें दी हैं। इस कड़ी में आयकर अधिनियम की धारा 80C (LIC, PPF, NSC इत्यादि), 80D (मेडीक्लेम) और 80G (दान) के तहत आयकर में छूट प्राप्त करने के लिए निवेश एवं भुगतान की मियाद को बढ़ाकर 30 जून, 2020 कर दिया गया है। इसका मतलब है कि आपके पास टैक्स सेविंग स्कीम्स में निवेश के लिए अब भी वक्त है।
फॉर्म भरते समय इन बातों का रखें ख्याल
ClearTax के संस्थापक और सीइओ अर्चित गुप्ता ने कहा है, ”नए फॉर्म में अलग से एक टेबल दिया गया है, जिसमें वित्त वर्ष 2019-20 में टैक्स में छूट का लाभ प्राप्त करने के लिए आप वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में बचत निवेश योजनाओं में किए गए निवेश की जानकारी दे सकते हैं। करदाताओं को वित्त वर्ष 2019-20 में अपनी कर देनदारी का आकलन करना चाहिए और 80C के तहत अधिकतम लाभ लेने की कोशिश करनी चाहिए।”