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SBI की रिपोर्ट में मोदी सरकार से अपील, करदाताओं के हितों का ध्यान रखकर बनें टैक्स की नीतियां

नई दिल्ली: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की इकोनॉमिक रिसर्च की ईकाई ने जो रिपोर्ट पेश की है उसमे कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था काफी बेहतर ढंग से आगे बढ़ रही है। रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि भारत सरकार को मध्यम वर्ग को बेहतर कर व्यवस्था लागू करके मदद करनी चाहिए, खासकर अपरोक्ष कर के तहत आने वाले उत्पाद पेट्रोल, डीजल आदि के जरिए। रिपोर्ट में कहा गया है कि पेट्रोल-डीजल, घरेलू गैस, सीएनजी आदि पर अधिकतर लोग कर का भुगतान करते हैं। एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में 11.4 करोड़ घर कर का भुगतान करते हैं, जोकि देश की कुल आबादी का 8.5 फीसदी हैं।

देश की यह आबादी 75 लाख करोड़ रुपए के कर का भुगतान करती है और इन्ही के जरिए देश के तकरीबन 91.5 फीसदी लोगों को सब्सिडी का लाभ मिलता है। देश की कुल आबादी की बात करें तो यह तकरीबन 135 करोड़ है जिसमे 20 फीसदी लोगों की प्रतिदिन आय 1.9 डॉलर या उससे कम है। स्टेट बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत एक बड़ी अनौपचारिक अर्थव्यवस्था है, जिसके कुल कर्मचारियों में से तकरीबन 93 फीसदी लोग अनौपचारिक माध्यम से अपनी आजीविका अर्जित करते हैं।

हालांकि कोरोना महामारी का असर देश के सभी सेक्टर पर पड़ा है लेकिन इससे सबसे ज्यादा प्रभावित अनौपचारिक सेक्टर हुआ है। बावजूद इसके रिपोर्ट में कहा गया है कि देश की अर्थव्यवस्था तेजी से सकारात्मक संकेत दिखा रही है, इसकी बड़ी वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को बेहतर करने के लिए अहम कदम उठाए हैं। रिपोर्ट के अनुसार देश की अनौपचारिक अर्थव्यवस्था देश की जीडीपी में अधिकतम 15-20 फीसदी का योगदन कर रही है। वहीं एनएससी के आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2018 में अनौपचारिक अर्थव्यवस्था जीडीपी का कुल 52 फीसदी थी।

रिपोर्ट में सरकार द्वारा उठाए गए कदम की सराहना की गई है और कहा गया है कि 2016 के बाद से केंद्र सरकार की ओर से देश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए जो कदम उठाए गए हैं उसने अर्थव्यवस्था को रफ्तार दी है। मासिक ईपीएफओ पेरोल की रिपोर्ट की तारीफ की गई है। इसकी चलते इलेक्ट्रॉनिक चालान कम रिटर्न की जानकारी किसी महीने में आसानी से हासिल की जा सकती है। इस आंकड़े के अनुसार अगस्त 2021 में 36.6 लाख लोगों को रोजगार मिला है।

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