फिल्मों की तरह भारी-भरकम है इन टीवी शोज का बजट, मेकर्स ने पानी की तरह बहाया पैसा
मुंबई : अक्सर फिल्में अपने भारी-भरकम बजट को लेकर खूब सुर्खियों में रहती हैं। मगर, इस मामले में टीवी शो भी कम नहीं। टीवी सीरियल्स दर्शकों के एक बड़े वर्ग के मनोरंजन का जरिया हैं। खासकर महिलाओं के बीच इनकी अच्छी-खासी लोकप्रियता है। दर्शकों का ध्यान आकर्षित करने और टीआरपी की रेस में आगे बने रहने के लिए शो के मेकर्स पूरा ख्याल रखते हैं। इसके लिए वह इन शो का बजट भी अच्छा-खासा रखते हैं। तमाम टीवी शो ऐसे हैं, जिनका बजट किसी फिल्म की बराबर है।
‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ : टीवी का सबसे चर्चित शो ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ दर्शकों के बीच खूब पसंद किया जाता है। टीआरपी में यह शो हमेशा अपनी जगह सुनिश्चित करता है। इस शो को बनाने के लिए मेकर्स पैसा खर्च करने से नहीं घबराते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस शो में सिर्फ अभिमन्यु और अक्षरा की शादी में ही मेकर्स ने 2.5 करोड़ रुपये लगा दिए थे।
‘नागिन’ : टीवी की दुनिया में शो ‘नागिन’ खूब पसंद किया जाता है। एकता कपूर के इस चर्चित शो को बनाने में मेकर्स पानी की तरह पैसा बहाते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक ‘नागिन 6’ का बजट करीब 130 करोड़ रुपये है। रिपोर्ट्स की मानें तो ‘नागिन’ के सभी सीजन में ‘नागिन 6’ सबसे महंगा है। इस शो में तेजस्वी प्रकाश लीड रोल में हैं।
‘बिग बॉस’ : सलमान खान का चर्चित शो ‘बिग बॉस’ अपने विवादों के लिए जाना जाता है। यहां प्रतिभागियों के बीच जमकर झगड़े होते हैं। इस शो का बजट भी काफी अच्छा-खासा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह दुनिया के सबसे महंगे शो में से एक है। इस शो के सेट से लेकर प्रतिभागियों की फीस तक पर मेकर्स खूब पैसा लुटाते हैं। इसके अलावा इस शो को होस्ट करने के लिए सलमान खान भी अच्छी-खासी फीस लेते हैं।
‘जोधा अकबर’ : वर्ष 2013 में आया ‘जोधा अकबर’ शो खूब पसंद किया गया। रजत टोकस और परिधि शर्मा अभिनती इस शो को बनाने में भी मेकर्स ने खूब पैसा बहाया। रिपोर्ट्स के मुताबिक शो को फिल्मों की तरह भव्य बनाने के लिए मेकर्स ने इसके एक एपिसोड के लिए 09 लाख रूपये खर्च किए हैं।
‘देवों के देव महादेव’ : पौराणिक शो ‘देवों के देव महादेव’ को दर्शकों ने खूब पसंद किया। यह शो हाई बजट शो में जगह बनाता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस शो को बनाने के लिए 90 ग्राफिक डिजाइनर्स ने काम किया। शो के एक एपिसोड को बनाने के लिए 14 लाख रुपये खर्च किए जाते थे।