रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने गुरुवार को अपने निवास कार्यालय में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और संविधान निर्माण सभा की हिन्दी ड्रॉफ्ट कमेटी के अध्यक्ष स्वर्गीय श्री घनश्याम सिंह गुप्त के जयंती समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि स्वर्गीय श्री घनश्याम सिंह गुप्त महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। देश की आजादी और देश के निर्माण में तथा संविधान निर्माण में उनका बहुमूल्य योगदान था। ऐसे महापुरूष की याद में जयंती समारोह का आयोजन एक सराहनीय पहल है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने घनश्याम सिंह गुप्त स्मृति आयोजन समिति द्वारा छत्तीसगढ़ विधानसभा में उनका तैल चित्र लगाने की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि वे इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत से इस संबंध में आग्रह करेंगे। उन्होंने कहा कि नवा रायपुर के एक चौक का नामकरण स्वर्गीय श्री घनश्याम सिंह गुप्त के नाम पर किया जाएगा और वहां उनकी प्रतिमा भी स्थापित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि दुर्ग निवासी स्वर्गीय श्री घनश्याम सिंह गुप्त सीपीएंड बरार प्रांत की विधानसभा के प्रथम अध्यक्ष भी रहे।
मुख्यमंत्री ने समारोह में स्वर्गीय श्री घनश्याम सिंह गुप्त के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाशित पुस्तक विधान पुरूष का विमोचन भी किया। इस पुस्तक के लेखक श्री संजीव तिवारी हैं। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने पुस्तक के लेखक श्री तिवारी को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने हमारे पुरखों की सुरता कर उनकी स्मृतियों को संजोने का सराहनीय प्रयास किया है। मुख्यमंत्री ने श्री संजीव तिवारी को आयोजकों की ओर से सम्मानित करते हुए उन्हें उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूर्व विधायक श्री प्रदीप चौबे ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ी संस्कृति, सभ्यता और तीज त्यौहारों को नया जीवन देने का कार्य बखूबी किया जा रहा है। हमारे पुरखों का सम्मान बढ़ा है और छत्तीसगढ़ के स्वाभिमान को बल मिला है। उन्होंने कहा कि हमारे मूर्धन्य पुरखों की स्मृतियों को संजोने के लिए नवा रायपुर के चौक-चौराहों का नामकरण उनके नाम पर करने और वहां पुरखों की मूर्ति स्थापित करने का सराहनीय निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया है।