रायपुर : छत्तीसगढ़ में आनलाइन जुआ खेलने और खिलाने वालों की अब खैर नहीं है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर विधानसभा में आनलाइन जुए पर नकेल कसने के लिए छत्तीसगढ़ जुआ प्रतिषेध विधेयक 2022 पारित कर इसे अधिनियम का रूप दे दिया गया है। पूर्व अधिनियम में आनलाईन जुआ परिभाषित नही था जिसमें संसोधन करते हुए अधिनियम में अब जुआ घर की परिभाषा मे आनलाईन जुआ प्लेटफार्म शब्द जोड़ा गया है। जुआ के उपकरण की परिभाषा मे आनलाईन जुआ से संबंधित इलेक्ट्रानिक अभिलेख, इलेक्ट्रानिक डिवाइस, मोबाईल एप, इलेक्ट्रोनिक ट्रांसफर आफ फन्डस शब्द जोड़े गये हैं।
पुराने अधिनियम में आनलाईन जुआ के लिए दण्ड का कोई प्रावधान नहीं था। वर्तमान मे आनलाईन जुआ के लिए अधिनियम में पृथक से दण्ड का प्रावधान किया गया है। जिसमे एक से तीन वर्ष के कारावास एवं पचास हजार से पांच लाख तक के जुमार्ने का प्रावधान है किया गया है। पश्चातवर्ती अपराध के लिए दो वर्ष से सात वर्ष तक के कारावास और एक लाख से दस लाख रूपए तक के जुमार्ने का प्रावधान है। अधिनियम को संशोधित करते हुए अब आनलाइन प्लेटफार्म को भी दंड में समाहित करते हुए पश्चातवर्ती अपराध (अपराध की पुनरावृत्ति) के लिए दंड की मात्रा बढ़ाते हए दो से पांच वर्ष तक के कारावास और एक लाख रूपए तक के जुमार्ना का प्रावधान किया गया है। पूर्व में इसके लिए एक वर्ष का कारावास या अधिकतम दो हजार रूपए तक के जुमार्ने का प्रावधान था।
अधिनियम के संशोधन के पहले तक जुआ प्रतिषेध अधिनियम के सभी अपराध संज्ञेय तथा जमानतीय थे। वर्तमान अधिनियम में कार्रवाई के लिए कड़े प्रावधान करते हुए जुआ घर का स्वामी होना (धारा-4), जुआ खिलाना (धारा-6 ), आनलाईन जुआ खिलाना (धारा -7), विज्ञापन प्रतिषेध का उल्लंघन ( धारा-11 ) और कंपनी द्वारा अपराध ( धारा-12) को संज्ञेय तथा गैरजमानतीय अपराध बनाया गया है।