नहीं काम आया पाकिस्तान का धार्मिक पैंतरा, मलेशिया में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ कार्यक्रमों को मिली हरी झंडी

नई दिल्ली: पाकिस्तान की ओर से की गई तमाम कोशिशों के बावजूद मलेशिया ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत के नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के सभी कार्यक्रमों को आयोजित करने की अनुमति दे दी है। संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मुद्दा उठाकर पाकिस्तान ने मलेशिया से इन कार्यक्रमों को रद्द करने का अनुरोध किया था, जिसे मलेशियाई सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया।
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान ने मलेशियाई अधिकारियों से इस्लामिक भाईचारे की दुहाई देते हुए भारत विरोधी आग्रह किया था। पाकिस्तानी दूतावास ने कहा, “हम इस्लामिक देश हैं, आप भी इस्लामिक देश हैं। भारतीय प्रतिनिधिमंडल की बात न मानें और उनके कार्यक्रम रद्द करें।” लेकिन मलेशिया ने पूरी तटस्थता दिखाते हुए पाकिस्तान की मांग को नजरअंदाज किया और सभी 10 प्रस्तावित कार्यक्रमों को मंजूरी दे दी।
संजय झा के नेतृत्व में भारतीय सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने मलेशिया की संसद के प्रतिनिधि सदन के अध्यक्ष डॉ. जोहरी बिन अब्दुल से भेंट कर भारत की आतंकवाद के खिलाफ सख्त नीति से अवगत कराया। भारतीय उच्चायोग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर यह जानकारी साझा की। प्रतिनिधिमंडल ने मलेशियाई सांसदों से अपील की कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में वे भारत का समर्थन करें। इस पर मलेशिया ने भी अपनी ओर से शांति के प्रति पूर्ण प्रतिबद्धता दोहराई।
प्रतिनिधिमंडल ने मलेशिया की संसद की विशेष समिति के प्रमुख वाईबी वोंग चेन और दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्रीय आतंकवाद निरोधक केंद्र (SERCTT) की महानिदेशक दतिन पादुका नूर आशिकिन मोहम्मद तैयब से भी महत्वपूर्ण बैठक की। इस दौरान पहलगाम में हुए हालिया आतंकवादी हमले की जानकारी दी गई और भारत की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति पर चर्चा हुई। गौरतलब है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत ने पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थक रवैये को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेनकाब करने के लिए सात देशों में सांसदों के प्रतिनिधिमंडल भेजे हैं। मलेशिया दौरा इसी कड़ी का हिस्सा था, जहां भारत को बड़ी राजनयिक सफलता मिली है।