‘वापस आकर नौकरी छोड़ दूंगा…आपकी सेवा करूंगा’, पायलट बेटे के आखिरी शब्द बयां करते हुए छलक पड़ी पिता की आंखें

मुंबई: गुजरात के अहमदाबाद में आज 12 जून को एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में विमान के 241 यात्री मारे गए। इस हादसे में विमान उड़ा रहे पायलट सुमित सभरवाल की भी मौत हो गई। इस हादसे की खबर पता चलते ही उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। इस हादसे के बाद पायलट सुमित सभरवाल के पिता के आसूं नहीं रूके। उन्होंने बताया कि मैं लंदन पहुंच कर फोन करूंगा, वापस आकर नौकरी छोड़ दूंगा और आपकी सेवा करूंगा। यही बेटे सुमित का आखिरी शब्द था। हमें क्या मालूम था कि, सुमित की आवाज हमेशा के लिये खामोश हो जाएगी। सुमित के ब्योबृद्ध पिता यही कहकर फफक कर रोने लगे। पिता को क्या मालूम था कि आने वाला दिन एक मनहूस खबर लेकर आएगी।
पवई में है सुमित का निवास स्थान
बुधवार दोपहर को गुजरात में विमान हादसे की खबर ने लोगों को झकझोर दिया। लेकिन जैसे ही खबर आग की तरह फैली वैसे ही पवई के जलवायु विहार में सन्नाटा छा गया क्योंकि जहाज के पायलट सुमित सभरवाल इसी सोसायटी में रहते थे। जानकारी के अनुसार जहाज को उड़ाने वाले पायलट सुमित सभरवाल हीरानंदानी स्थित पवई जलवायु विहार के F-904 नंबर वाले फ्लैट में रहते थे।
सुमित के 88 वर्षीय पिता का रो-रो के बुरा हाल है। सुमित की माता का देहांत भी 2 वर्ष पहले ही हुआ था। बेटे की मौत की खबर सुनकर 88 वर्षीय पिता अवाक रह गए वो लोगों से कुछ बोल नही रहे है। आसपास के लोग भी सन्न है, जैसे ही लोगों को पता चला कि दुर्घटग्रस्त विमान को सुमित सभरवाल उड़ा रहे थे पूरे परिसर के लोग सन्न रह गए।
जानकारी मिलते ही मिलने पहुंचे विधायक
जानकारी मिलने पर स्थानीय विधायक दिलीप लांडे भी पीड़ित परिवार को सांत्वना देने पहुंचे थे। पिता ने बताया कि 3 दिन पहले ही सुमित ने कहा था कि मैं लंदन पहुंच कर फोन करूंगा और वापस आकर नौकरी छोड़ दूंगा और आपकी सेवा करूंगा। मेरा बेटा 1994 से पायलट है। सुमित की बहन और 2 भांजे है जो कि मुंबई के बाहर थे। जानकारी मिलते ही पिता के पास गए। स्थानीय विधायक दिलीप लांडे ने कहा, “सभरवाल परिवार के लिए बहुत बड़ी दुख की घड़ी है। इस घड़ी में हम उनके घर पर पायलट के पिता से मिल कर सांत्वना दी है जो भी मदद होगी की जाएगी।”
जलवायु विहार के निवासी तेजस हसकोटटी ने बताया, “फ्लैट में सुमित और उनके पिताजी रहते थे माताजी का 2 साल पहले ही देहांत हो चुका था। घटना की जानकारी मिलने के बाद सोसायटी के लोग स्तब्ध है। दुःख की इस घड़ी में हम परिवार के साथ खड़े है।”