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भारत-कनाडा के रिश्तों में सुधार, 9 महीने बाद इस बात को लेकर हुए सहमत

कनानास्किस: भारत और कनाडा के रिश्ते पिछले कुछ समय से सही नहीं चल रहे थे। लेकिन अब दोनों के रिश्तों में सुधार के संकेत नजर आ रहे हैं। भारत और कनाडा ने जल्द ही एक-दूसरे की राजधानियों में उच्चायुक्तों को बहाल करने पर सहमति जताई है। यह जानकारी विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके कनाडाई समकक्ष मार्क कार्नी ने यहां कनानास्किस में जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान सकारात्मक और रचनात्मक बैठक की। मिसरी ने इसे लेकर बयान जारी करते हुए कहा कि बैठक में साझा मूल्यों, लोकतंत्र व कानून के शासन, दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क और कई अन्य समानताओं पर आधारित भारत-कनाडा संबंधों के महत्व पर चर्चा हुई।

उच्चायुक्तों की जल्द होगी बहाली
विक्रम मिसरी ने कहा, दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने इस बेहद महत्वपूर्ण रिश्ते में स्थिरता बहाल करने के लिए ठोस कदम उठाने पर सहमति जताई और इस दिशा में पहली बात, जिस पर सहमति बनी, वह थी एक-दूसरे की राजधानियों में जल्द से जल्द उच्चायुक्तों को बहाल करना। इसके बाद अन्य कूटनीतिक कदम उठाए जाएंगे। विदेश सचिव ने कहा कि भारत और कनाडा के प्रधानमंत्रियों ने समय के साथ व्यापार, दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क और कनेक्टिविटी से संबंधित कई क्षेत्रों में वरिष्ठ व कार्यकारी स्तर के कार्य प्रणाली तंत्र और चर्चाओं को फिर से शुरू करने पर भी सहमति जताई, जिसका उद्देश्य संबंधों को और अधिक गति प्रदान करना है।

तनाव के बाद उठाया था कदम
भारत ने पिछले वर्ष ओटावा से अपने उच्चायुक्त और पांच अन्य राजनयिकों को वापस बुला लिया था। कनाडा ने उन्हें खालिस्तानी समर्थक अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से जोड़ने का प्रयास किया था। इसके चलते दोनों देशों में तनाव बढ़ गया था। भारत ने इतनी ही संख्या में कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित भी कर दिया था। दोनों नेताओं ने मंगलवार को हुई बैठक में स्वच्छ ऊर्जा, स्वच्छ प्रौद्योगिकी, डिजिटल बुनियादी ढांचे, कृत्रिम मेधा, खाद्य सुरक्षा, महत्वपूर्ण खनिजों और आपूर्ति श्रृंखलाओं से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर संभावित सहयोग पर चर्चा की।

मिसरी ने कहा, दोनों देशों के बीच वर्तमान में रुकी हुई व्यापार वार्ता के मद्देनजर दोनों नेताओं ने अपने अधिकारियों को इसे जल्द से जल्द शुरू करने का निर्देश देने का भी फैसला किया। साथ ही उन्होंने कहा कि दोनों नेता संपर्क में रहने और जल्द से जल्द एक बार फिर मिलने पर सहमत हुए। कनाडा के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, कार्नी और मोदी ने आपसी सम्मान, कानूनी शासन, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांत के प्रति प्रतिबद्धता के आधार पर कनाडा-भारत संबंधों के महत्व की पुष्टि की।

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