ऑपरेशन सिंधु: इजरायल से लौटे 326 भारतीय नागरिकों पर बोला विदेश मंत्रालय – हर भारतीय सुरक्षित घर लौटेगा

नई दिल्ली: इजरायल और ईरान के बीच बीते दिन स्थिति काफी तनावपूर्ण माहौल रहा। इसके चलते भारत सरकार ने अपने नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने के लिए ‘ऑपरेशन सिंधु’ अभियान चलाया है। इसी कड़ी में भारतीय वायुसेना के एक C-17 विमान से जॉर्डन के रास्ते 165 भारतीयों को सुरक्षित वापस लाया गया है। यह विमान आज सुबह दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरा। जहां केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने सभी यात्रियों का स्वागत किया। इससे पहले विमान में 161 नागरिकों को वापिस लाया गया।
विदेश मंत्रालय ने दी जानकारी
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पहले ट्विटर) पर इस सफल निकासी अभियान की जानकारी दी। उन्होंने अपनी पोस्ट में बताया, “IAF C-17 उड़ान ने ऑपरेशन सिंधु के तहत इजरायल से 165 भारतीय नागरिकों को निकाला। दिल्ली पहुंचने पर उन्हें MoS डॉ. एल. मुरुगन ने रिसीव किया. विमान 24 जून को सुबह 08:45 बजे अम्मान (जॉर्डन) से उतरा।” भारतीय सरकार द्वारा चलाया गया ‘ऑपरेशन सिंधु’ यह सुनिश्चित करता है कि संकटग्रस्त क्षेत्रों में फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित घर वापस लाया जा सके। यह भारत की मजबूत विदेश नीति और अपने नागरिकों की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
भारत वापसी का रास्ता:
सरकार ने बताया कि इस्राइल से भारतीय नागरिकों को पहले सुरक्षित भूमि मार्ग से निकाला गया, फिर उन्हें निकटवर्ती देशों से हवाई मार्ग के जरिए भारत लाया गया।
ईरान से भी करवाई जा रही है वापसी-
इससे पहले एक विशेष विमान द्वारा ईरान के मशहद से 292 भारतीय नागरिकों को नई दिल्ली लाया गया था। अब तक कुल 2,295 भारतीय नागरिकों को ईरान से सफलतापूर्वक निकाला जा चुका है।
नागरिकों की प्रतिक्रिया:
इस्राइल से लौटे त्रियंबक कोली और उनकी पत्नी, जो अपने बेटे के नवजात शिशु से मिलने इस्राइल गए थे ने बताया कि “हमने आसमान में बम (मिसाइलें) देखीं। उनमें से छह हमारे सिर के ऊपर से गुजरे।” वे बोले, “हम प्रधानमंत्री मोदी के आभारी हैं, जिन्होंने हमें सुरक्षित भारत वापस लाने की व्यवस्था की।”
भारतीय वायुसेना का बयान:
भारतीय वायुसेना ने कहा कि वह संकट की घड़ी में सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाली एजेंसी के रूप में दुनियाभर में भारतीयों की मदद के लिए प्रतिबद्ध है। वायुसेना ने जॉर्डन और मिस्र से भी मिशन शुरू किया है ताकि पश्चिम एशिया के तनावग्रस्त क्षेत्रों में फंसे भारतीयों को निकाला जा सके।