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भारत अमेरिका से 53 MK-54 लाइटवेट टॉरपीडो खरीदेगा, चीन की बढ़ी टेंशन

नई दिल्ली : भारतीय नौसेना की गिनती दुनियाभर की टॉप 10 नेवी में होती है। अब इसकी ताकक औरबढ़ने वाली है। दरअसलभारत अमेरिका से 53 MK-54 लाइटवेट टॉरपीडो खरीदने वाला है। जिनकी कीमत 175 मिलियन डॉलर है। ये टॉरपीडो भारत के नए MH-60R सीहॉक हेलीकॉप्टरों के लिए हैं। बाइडन प्रशासन का कहना है कि यह सौदा दोनों देशों के रिश्ते मजबूत करेगा। इससे भारत की सुरक्षा भी बेहतर होगी।

अमेरिका का कहना है कि भारत इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए अहम है। नए टॉरपीडो से भारत की नौसेना और मजबूत होगी। वे पनडुब्बियों से होने वाले खतरों से निपटने में सक्षम होंगे। भारत ने मार्च में छह MH-60R सीहॉक हेलीकॉप्टर शामिल किए थे। ये हेलीकॉप्टर हेलफायर मिसाइल, MK-54 टॉरपीडो और प्रेसिजन-किल रॉकेट से लैस हैं। अगले साल तक भारत को 24 और सीहॉक मिलेंगे। ये सभी हेलीकॉप्टर फरवरी 2020 में हुए 15,157 करोड़ रुपये के सौदे का हिस्सा हैं।

सीहॉक हेलीकॉप्टर काफी आधुनिक हैं। इनमें मल्टी-मोड रडार और नाइट-विजन उपकरण भी हैं। ये हेलीकॉप्टर युद्धपोतों से संचालित हो सकते हैं। नौसेना अधिकारियों का कहना है कि सीहॉक दुश्मन पनडुब्बियों का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने में सक्षम हैं। यह सौदा भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग को दर्शाता है। दोनों देश हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों को लेकर चिंतित हैं। MK-54 टॉरपीडो भारत की नौसेना को एक मजबूत बढ़त देंगे।

एक प्रकार का स्वचालित पनडुब्बी रोधी हथियार है, जिसे पानी के अंदर चलने वाले लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए डिजाइन किया गया है। ये टॉर्पीडो आधुनिक तकनीक से लैस होते हैं और उच्च गति से चलते हैं। इन्हें हल्का होने के कारण विभिन्न प्रकार के प्लेटफॉर्म जैसे कि हेलीकॉप्टर, विमान और जहाज से लॉन्च किया जा सकता है।

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