NCLAT ने Amazon पर लगाया 200 करोड़ का जुर्माना,45 दिन में जमा करने का आदेश
नई दिल्ली ; नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (National Company Law Appellate Tribunal) ने सोमवार को अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन (Amazon) को तगड़ा झटका दे दिया. ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने अमेजन-फ्यूचर डील (Amazon-Future Deal) को लेकर अपना आदेश जारी कर दिया. एनसीएलएटी ने इस मामले में अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी को 45 दिनों के भीतर 200 करोड़ रुपये जुर्माना जमा करने को कहा है. एनसीएलटी ने कहा कि इसका काउंटडाउन आज यानी 13 जून से ही शुरू हो गया है.
एनसीएलएटी ने इसके साथ ही साल 2019 में अमेजन और फ्यूचर ग्रुप के बीच हुए एक निवेश सौदे को सस्पेंड करने के कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) के आदेश को भी बरकरार रखा. एनसीएलएटी ने सीसीआई के आदेश को बरकरार रखते हुए कहा कि अमेजन ने फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (Future Retail Limited) में अपने रणनीतिक हितों के बारे में पूरी और पारदर्शी जानकारी नहीं दी. बंद हो चुके रिटेल स्टोर चेन बिग बाजार (Big Bazaar) का संचालन फ्यूचर ग्रुप की कंपनी फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) ही करती थी.
सीसीआई ने भी संबंधित निवेश के सौदे को सस्पेंड करते हुए कहा था कि अमेजन ने जानकारियां छुपाई थीं. एनसीएलएटी ने सीसीआई की इस बात से सहमति जताई और कहा कि अमेजन एग्रीमेंट्स से संबंधित प्रासंगिक जानकारियां देने में विफल रही. आपको बता दें कि सीसीआई ने दिसंबर 2019 में जारी आदेश में अमेजन-फ्यूचर डील को सस्पेंड किया था. अमेजन ने सीसीआई के उक्त आदेश को एनसीएलएटी में चुनौती दी थी.
यह मामला अमेजन और फ्यूचर कूपन्स प्राइवेट लिमिटेड के बीच हुए 1,400 करोड़ रुपये के निवेश के सौदे से जुड़ा हुआ है. शुरुआत में इस सौदे को सभी जरूरी नियामकीय मंजूरियां मिल गई थीं. बाद में फ्यूचर रिटेल के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ हुए सौदे को लेकर विवाद होने पर फ्यूचर समूह की एक कंपनी ने सीसीआई से मंजूरी वापस लेने की मांग की थी. इस तरह के निवेश के सौदों के लिए सीसीआई की मंजूरी जरूरी होती है. फ्यूवर समूह की कंपनी की याचिका पर गौर करने के बाद सीसीआई ने पाया कि अमेजन ने कुछ जानकारियां छिपाई थीं.
सीसीआई का कहना था कि अमेजन ने फ्यूचर कूपन्स में जिस उद्देश्य से पैसे लगाए थे, उसने उसकी जानकारी नहीं दी थी. अमेजन ने सीसीआई के आदेश से असहमति जताते हुए उसे एनसीएलएटी में चुनौती दी थी. अब अमेजन को एनसीएलएटी से भी झटका लग गया है. अमेजन के पास अब बस एक विकल्प बचा है. वह एनसीएलएटी के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकती है. हालांकि अभी अमेजन ने इस बारे में कुछ जाहिर नहीं किया है.