नीम की पत्तियों में है औषाधि गुण, आपकी स्किन प्रॉब्लम हो जायेंगी फूर्र
नीम में औषाधि गुण पाये जाते है। इसका इस्तेमाल दवा बनाने में भी काम आता है। क्योकि इसमे ऐसे गुण होते है जो कि हमारे शरीर के लिए बहुत फायेदमंद है। नीम की पत्ती से लेकर उसकी टहनी भी दवा के रूप में काम आती है। बात चेहरे की समस्या की हो या फिर दांतों की समस्या की।
नीम के पास हर मर्ज का इलाज है। ऐसे ही थोड़े दादी-नानी नीम को गुणों का खजाना कहा करती थीं। दादी-नानी ही क्यों आजकल टीवी, अखबार जगह-जगह हजारों नीम के प्रोडक्ट्स का प्रचार मिल जाता है और हम इनका इस्तेमाल भी कर लेते हैं। लेकिन नीम की गोल्डन पत्तियों के बारे में भूल ही जाते हैं। स्किन प्रॉब्लम चाहे जो भी हो नीम की इन अनमोल पत्तियों में हर चीज़ का इलाज़ है। डॉक्टरों के अनुसार नीम की पत्तियों में ऐंटीऑक्सिडेंट, ऐंटीफ़ंगल और ऐंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो स्किन के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं।
मुंहासों से दिलाएगा छुटकारा
अक्सर 17 से 21 साल की उम्र में लड़के और लड़कियों को मुंहासों की समस्या से दो चार होना पड़ता है। अगर, आप मुंहासों से छुटकारा पाना चाहते हैं तो नीम की पत्तियों को सूखाकर उसमें 2 चम्मच गुलाब जल, 1 चम्मच नींबू का रस मिलाकर पेस्ट बनाइए। इस पेस्ट का इस्तेमाल फेस पैक की तरह करें। सप्ताह में 3 से 4 बार इस फेसपैक का इस्तेमाल करके मुंहासों से छुटकारा पाया जा सकता है।
संतरे के छिलके के साथ करें इस्तेमाल पोर्स यानि त्वचा के रोम छिद्रों को कम करने के लिए भी आप नीम से बने फेस पैक का इस्तेमाल किया जा सकता है। नीम के पत्तों में संतरे के छिलकों को सूखाकर पीस लें। इसके बाद इस पेस्ट में थोड़ा सा दही मिलाकर पैक बनाएं। सप्ताह में 2 बार इस फेसपैक का इस्तेमाल करने से पोर्स कम हो सकते हैं।
अन्य फायदे : देवी और शक्ति की उपासना में नीम का प्रयोग किया जाता है। नीम की लकड़ी से हवन करने से शनि की शांति होती है। इसके पत्तों को जल में डालकर स्नान करने से केतु संबंधी समस्याएं दूर होती हैं। नीम की दातुन करने से शनि और मंगल दोष समाप्त होता है साथ ही दातों के किड़े भी मारे जाते हैं।
नीम की लड़की के बने पलंग पर सोने से त्वचा रोग दूर होते हैं। नीम के तेल और छाल के प्रयोग से कुष्ठ रोग दूर होता है। नीम की लड़की की माला धारण करने से शनि की पीड़ा समाप्त हो जाती है। नीम के पत्तों का वन्दनवार लगाने से घर में नकारात्मक उर्जा प्रवेश नहीं करती है।