मध्य प्रदेशराज्य

ओला-वृष्टि से प्रभावित किसानों की आँखों में आँसू नहीं आने देगी राज्य सरकार

भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज सागर जिले के बीना तहसील के ग्राम रूसल्ला पहुँच कर ओला-वृष्टि से किसानों की क्षतिग्रस्त फसलों का खेतों में जाकर जायजा लिया। उन्होंने किसान वीरेंद्र पटेल के खेत में क्षतिग्रस्त फसलों को देखा। मुख्यमंत्री ने ग्राम रूसल्ला के किसानों को ढाँढस बंधाया और कहा कि राज्य सरकार संकट की इस घड़ी में उनके साथ है। राज्य सरकार संकट के इस दौर में किसानों की आँखों में आँसू नहीं आने देगी। मुख्यमंत्री चौहान ने कमिश्नर और कलेक्टर को क्षतिग्रस्त हुई फसलों का पूरी प्रमाणिकता और ईमानदारी के साथ सर्वे कराकर प्रभावितों की सूची पंचायत कार्यालय में चस्पा करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जिन किसानों को आपत्ति हो या कोई संशोधन कराना चाहे तो वे करा सकेंगे।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के 20 जिलों में बेमौसम बारिश और ओला-वृष्टि से किसानों की फसलों को व्यापक नुकसान हुआ है। सागर जिले के खुरई, नरयावली, बीना क्षेत्रों में भी फसलों को नुकसान पहुँचा है। उन्होंने कहा कि कृषि, राजस्व और पंचायत विभाग के संयुक्त दल द्वारा सर्वे के बाद मुआवजा राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने किसानों से कहा कि दिल मत दुखाना और आँखों में आँसू मत आने देना, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आपके साथ है।

मुख्यमंत्री चौहान ने एक अन्य खेत में भी पहुँच कर अंकुरित हो चुकी गेहूँ और चना की फसल का निरीक्षण किया। उन्होंने किसानों से कहा कि संकट की इस घड़ी में वे धैर्य रखें। हमारे किसान दिन-रात मेहनत करते हैं, खून-पसीना बहाते हैं, तब बड़ी मुश्किल के बाद फसल तैयार होती है। फसल तैयार होने पर किसान प्रसन्न होते हैं। ओला-वृष्टि होने से किसानों की उम्मीदें धूमिल होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संकट की घड़ी में मैं किसानों के साथ खड़ा हूँ। गेहूँ, चना और मसूर की 50 प्रतिशत से ज्यादा फसल नुकसान होने पर प्रति हेक्टेयर 32 हजार रूपए की राशि दी जाएगी। फसल बीमा का कार्य भी साथ में चलेगा। राहत राशि जो किसी अन्य राज्य में नहीं मिलती, वह मध्यप्रदेश सरकार देगी। मुख्यमंत्री ने फसलों का सर्वे सेटेलाइट से भी करवाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बिजली गिरने से जन हानि हुई है, उनके परिवार को 4 लाख रूपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। गाय-भैंस की मृत्यु होने पर 37 हजार, भेड़-बकरी की मृत्यु होने पर 4 हजार और मुर्गा-मुर्गी की मृत्यु होने पर 100 रूपए दिए जाएंगे। जिन किसानों की फसलें ओला-वृष्टि से क्षतिग्रस्त हुई हैं, उनकी ऋण वसूली भी स्थगित करेंगे। साथ ही अगले साल का ब्याज भी सरकार भरेगी। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयास किए जाएंगे कि जीरो प्रतिशत ब्याज पर फिर से उन्हें कर्ज मिल सके। ओला-वृष्टि से प्रभावित जिन किसानों की बेटियों की शादी होनी है, उन्हें मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में विवाह के लिए राशि दी जाएगी। ओला-वृष्टि से पीड़ित ऐसे किसान जो न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए पंजीयन नहीं करा सके हैं, उनके लिए पुनः पोर्टल खुलवा कर रजिस्ट्रेशन करवाया जायेगा। यह व्यवस्था प्रदेश के सभी बीस ओला-वृष्टि से प्रभावित जिलों के लिए होगी। मुख्यमंत्री ने कलेक्टर से कहा कि सर्वे के बाद पूरी ईमानदारी से आकलन हो। किसानों को नुकसान का मुआवजा और फसल बीमा से राहत दिलाई जाए। बीना विधायक महेश राय, जिला पंचायत के अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत, जन-प्रतिनिधि अधिकारी और किसान बंधु मौजूद रहे।

बीना से भोपाल लौटते वक्त मुख्यमंत्री चौहान से रिफाइनरी के पास रहने वाले 51 बंजारा परिवार के सदस्यों ने मुलाकात की और उन्हें अपनी समस्याएँ बतायी। मुख्यमंत्री चौहान ने संभागायुक्त और कलेक्टर को निर्देश दिये की सभी बंजारा परिवारों कोमुख्यमंत्री भू-आवासीय योजना में पट्टे दिये जायें और उनकी पेयजल समस्या का निदान भी करें।

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