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चारा घोटाले मामले में लालू-जगन्नाथ समेत ४५ दोषी करार

सजा पर सुनवाई ३ अक्टूबर को
लालू समेत ३७ अभियुक्तों के सजा की बिन्दू पर सुनवाई ३ को , आठ दोषियों को तीन वर्ष कारावास तथा ५० हजार से ५० लाख तक जुर्माने की सजा सुनायी गयीLalu Prasad Yadav
रांची, अरबों रुपये के बहुचर्चित चारा घोटाले मामले में रांची स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सह राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद और पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र समेत ४५ अभियुक्तों को दोषी करार दिया गया। लालू प्रसाद समेत ३७ अभियुक्तों के सजा की बिन्दू पर ३ अक्टूबर को सुनवाई होगी, वहीं आठ दोषियों को अदालत ने आज तीन वर्ष कारावास तथा ५० हजार से ५० लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश प्रवास कुमार सिंह की विशेष अदालत ने चाईबासा कोषागार से ३७.७० करोड़ रुपये अवैध निकासी से जुड़े कांड संख्या आरसी २०ए/९६ मामले में सभी ४५ आरोपियों को दोषी करार दिया। अदालत ने भा.द.वि. की धारा १२०बी, ४२०, ४०९, ४६७, ४६८, ४७१ व ४७७ तथा भ्रष्टाचार निरोधक कानून १३(१) के तहत दोषी करार दिया। सीबीआई की विशेष अदालत ने आज जिन आठ अभियुक्तों को तीन वर्ष तक की सजा सुनायी है, उन्हें औपबंधिक जमानत भी दे दी गयी। जबकि शेष बचे सभी ३७ आरोपियों को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा भेज दिया गया।
सीबीआई के अधिवक्ता ने बताया कि अदालत ने आज जिन आठ अभियुक्तों को तीन वर्ष कारावास की सजा सुनायी, उनमें राजनीतिज्ञ विद्या सागर निषाद, ध्रुव भगत, भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिृवत्त अधिकारी के.अरुमुगम, आपूर्तिकर्त्ता सुनील कुमार सिंह, राजेश वर्मा, विमला शर्मा, शिव कुमारी और मधु मेहता शामिल है। वहीं अदालत ने विभागसार निषाद तीन वर्ष के कारावास की सजा के साथ ही एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी है, वहीं ध्रुव भगत को ३लाख रुपये का जुर्माना तथा आईएएस अधिकारी रहे के.अरुमुगम को १ लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया, जबकि आपूर्तिकर्त्ता विमला शर्मा को ५० लाख रुपये, मधु मेहता को ५ लाख रुपये, शिव कुमारी को ३लाख रुपये, राजेश वर्मा को तीन लाख रुपये और सुनील कुमार सिन्हा को ५० हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। सीबीआई अधिवक्ता ने बताया कि आज अदालत में ४५ में से ४२ आरोपी उपस्थित थे, जबकि स्वास्थ्य कारणों से बीबी प्रसाद, अजीत कुमार झा और केएन झा उपस्थित नहीं हो सके।
उन्होंने बताया कि लालू प्रसाद समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ भादवि की विभिन्न धाराओं व भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत जो दोष सिद्ध हुआ है, उन आरोपों में एक वर्ष से सात वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। अदालत ने जिन अभियुक्तों को तीन वर्ष तक की सजा देनी थी, उनके सजा के बिन्दुओं पर आज ही पैâसला सुना दिया गया,ऐसी स्थिति में ३ अक्टूबर को शेष बचे आरोपियों को ३ वर्ष से अधिक और सात वर्ष से कम की सजा सुनाये जाने की संभावना है। सीबीआई अधिवक्ता ने बताया कि अदालत ने करीब ४७५ पृष्ठों और नौ खंडों में अपना पैâसला सुनाया है। पहले खंड में इंट्रोडक्शन है, दूसरे खंड में बचाव पक्ष की दलीलें है, तीसरे पक्ष में आपूर्तिकर्त्ताओं का पक्ष, चौथे खंड में पशुपालन विभाग के सात अधिकारियों का पक्ष, पांचवें खंड में भाप्रसे के चार अधिकारियों का पक्ष, छठे खंड में राजनेताओं का जिक्र व सातवें खंड में निष्कर्ष, आठवें खंड में भ्रष्टाचार के प्रभाव तथा नौ खंड में अदालत में पेश दलीलों को रखा गया। उन्होंने बताया कि इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से ४५० गवाह और बचाव पक्ष की ओर से ४० गवाह पेश किये गये। उन्होंने बताया कि चारा घोटाले के एक अन्य मामले आरसी ६४ए /९६ में भी जल्द ही पैâसला आने की संभावना है, वहीं कुछ अन्य मामलों में गवाही की प्रक्रिया चल रही है।
अदालत द्वारा आज जिन ४५ अभियुक्तों को सजा सुनायी गयी उनमें कई राजनेता, भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी, पशुपालन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी तथा आपूर्तिकर्त्ता शामिल है। आरोपी राजनेताओं में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद और डॉ. जगन्नाथ मिश्र, जगदीश शर्मा, आर.के.राणा, धु्रव भगत और  विद्या सागर निषाद  शामिल है। जबकि प्रमुख बड़े आरोपी अधिकारियों में तत्कालीन वित्त आयुक्त फूलचंद सिंह, तत्कालीन पशुपालन सचिव महेश प्रसाद, तत्कालीन पशुपालन सचिव बेक जूलियस, तत्कालीन पशुपालन सचिव के.अरुमुगम और तत्कालीन आयकर आयुक्त अधीक चंद्र दास शामिल है। चारा घोटाला के इस मामले में कुल ५६ अभियुक्त थे, इसमें से ७ अभियुक्तों का निधन सुनाई के दौरान हो गया, जबकि एक अभियुक्त कोडस्चार्ज कर दिया गया, वहीं २ सरकारी गवाह बन गये और १ अभियुक्त ने खुद दोष स्वीकार कर लिया। जिन सात अभियुक्तों का निधन सुनवाई के क्रम में हो गया, उनमें डॉ.देबराज दोराई (मैनेजर,गवर्नमेंट वैâटल फार्म), डॉ. श्याम बिहारी सिन्हा (सेवानिवुत्त संयुक्त क्षेत्रीय निदेशक द.छोटानागपुर प्रक्षेत्र पशुपालन विभाग), डॉ. रामराज राम (निदेशक पशुपालन विभाग पटना), भोला राम तूफानी (तत्कालीन पशुपालन मंत्री,बिहार), चंद्रदेव प्रसाद शर्मा (तत्कालीन केंद्रीय मंत्री), हरीश खंडेलवाल (पार्टनर,एसबी सेल्स रांची) और परेश चंद्र कुंडू (पार्टनर सर्वेश्वरी ड्रग एजेंसी,रांची) शामिल है। वहीं चाईबासा के पूर्व आयुक्त सजल चक्रवर्ती आरोप मुक्त हो गये है। इसके अलावा सरकारी गवाह बनने वाले अभियुक्तों में पूर्व प्रशासनिक पदाधिकारी पशुपालन विभाग (मुख्यालय)पटना आर.के.दास और दीपेश चंडोक (श्रीबद्री नारायण एंड कंपनी) शामिल है, जबकि प्रमोद कुमार जायसवाल (प्रोपराइटर भगत एंड कंपनी,रांची) ने दोष स्वीकार कर लिया।
सीबीआई की विशेष अदालत आज जिन ४५ अभियुक्तों के खिलाफ पैâसला सुनाएगी, उनमें ब्रजनंदन शर्मा, डॉ. मुकेश श्रीवास्तव, गया प्रसाद त्रिपाठी, डॉ. अर्जुन शर्मा, सिलस तिर्की, डॉ. कृष्ण मोहन प्रसाद, डॉ. कीर्ति नारायण झा, ब्रजभूषण प्रसाद, बेक जुलियस, जगदीश शर्मा, फूलचंद सिंह, महेश प्रसाद, विद्यासागर निषाद, डॉ. जगन्नाथ मिश्र, धु्रव भगत, डॉ. आर.के. राणा, अधीप चंद्र चौधरी, डॉ. अजीत कुमार वर्मा, रवि कुमार सिन्हा, त्रिपुरारी मोहन प्रसाद, सुनील कुमार सिन्हा, सुशील कुमार, मो. सईद, मो सैनुल हक, मो. एकराम, मो.हसैन, मो. तौहीद, विजय कुमार मल्लिक, महिन्द्र सिंह बेदी, मधु मेहता, हरीश कुमार, राजन मेहता, अजय कुमार स्न्हिा, डॉ. गौरी शंकर प्रसाद,संजय सिन्हा, राजेश वर्मा, शिव कुमारी, सत्येंद्र कुमार मेहरा, रवींद्र कुमार मेहरा, सुनील गांधी, दयानंद कश्यप, महेंद्र प्रसाद, विमला शर्मा और के.अरुमुगम शामिल है ।

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