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छत्तीसगढ़ में 16.50 लाख किसानों का कर्ज माफ

रायपुर: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद जन घोषणा पत्र के अनुरूप जनता से किए वायदों को निभाना भूपेश बघेल सरकार ने शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में 16.50 लाख किसानों की ऋण माफी की घोषणा सोमवार देर रात की गई। (13:34) यह फैसला भूपेश मंत्रिमंडल ने शपथ ग्रहण समारोह के बाद करीब दो घंटे में ही कर दिया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार रात करीब 11 बजे पत्रकार सम्मेलन में इसकी जानकारी दी। भूूपेश बघेल ने कहा कि 15 साल से विपक्ष में रहे, अब तक शासन-प्रशासन के कार्यों को दूसरे नजरिए से देखते थे, लेकिन अब सरकार चलाने का मौका है।

उन्होंने कहा कि मीडिया प्रतिनिधियों से अब मानवीय व्यवहार किया जाएगा। सभी के साथ मिलकर सरकार चलाने का प्रयास रहेगा। अब तक किसी भी शपथ ग्रहण समारोह में इतनी बड़ी संख्या में राष्ट्रीय नेता नहीं पहुंचे। ऐसे में यह शपथ ग्रहण समारोह ऐतिहासिक रहा। उन्होंने कहा कि हमने शपथ ग्रहण के तुरंत बाद कैबिनेट की बैठक ली और बैठक में अपनी जन घोषणा पत्र के अनुरूप किसानों की ऋण माफी की घोषणा की है। भूपेश सरकार की पहली कैबिनेट की बैठक में मंत्री टीएस सिंहदेव और ताम्रध्वज साहू मौजूद थे। बैठक में 30 नवम्बर 2018 की स्थिति में किसानों के अल्पकालीन ऋण को माफ किया गया है।

इस ऋण माफी में सहकारी बैंक व छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक से ऋण लिए किसान शामिल हैं। इसमें करीब 61 सौ करोड़ रुपए के खर्च होने का अनुमान है। इसके अलावा अन्य अधिसूचित वाणिज्यिक बैकों से लिए गए अल्पकालीन कृषि ऋण को जांच के बाद माफ किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे किसानों को आर्थिक मजबूती मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि धान खरीदी की दर 25 सौ रुपये प्रति क्विंटल कर दी जाएगी। वर्तमान में केंद्र सरकार 1750 रुपये में धान खरीदी की दर निर्धारित की है। शेष 750 रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार वहन करेगी।

इसके साथ ही झीरम घाटी में शहीद हुए कांग्रेस नेताओं के मामले की एसआईटी से जांच के लिए एसआईटी गठन करने के निर्देश दिए गए हैं।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पूर्व रमन सरकार ने अपने वादे पूरे नहीं किए और हमने अपने किए वादों को पूरा करने की शुरुआत पहले दिन से कर दी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बदले की भावना से कोई कार्रवाई नहीं होगी। छत्तीसगढ़ सरकार किसानों के पूरे कर्ज माफ करेगी, इसे लेकर कोई सीमा नहीं है। इसके साथ ही वर्ष 2008 में बंद हुई प्री-ऑडिट को भी अधिकारियों से जानकारी लेकर जरूरत पड़ी तो फिर से शुरू किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सलवाद प्रदेश की सबसे बड़ी समस्या है। इस समस्या का निदान राजधानी में बैठकर नहीं किया जा सकता। इसके लिए पीड़ितों से चर्चा की जाएगी। जब तक पीड़ित सरकार में विश्वास नहीं करेंगे नक्सलवाद का निदान नहीं किया जा सकता। प्रदेश में पूर्ण शराब बंदी पर भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ का कुछ क्षेत्र पांचवीं अनुसूची का है। जहां पर शराब की अनिवार्यता है। इसलिए इस फैसले को एक झटके में नहीं ले सकते। कांग्रेस पार्टी ने चुनाव के दौरान जितने भी वादे किए हैं उसे पूरा करेंगे।

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