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दक्षिण कश्‍मीर में लगातार पैर पसार रहा था दुजाना, उसका मारा जाना बड़ी कामयाबी

जम्‍मू-कश्‍मीर में आतंकियों के खिलाफ बदली रणनीति के बाद से सेना को लगातार सफलता मिल रही है। पिछले वर्ष हिजबुल कमांडर बुरहान वानी के बाद से ही सेना के निशाने पर आतंकी सगठनों के बड़े नेता रहे हैं। सेना की इस कामयाबी में अब लश्‍कर के टॉप कमांडर अबु दुजाना का नाम भी शामिल हो गया है। दुजाना को उसके दो साथियों के साथ मंगलवार सुबह सुरक्षाबलों ने पु‍लवामा के काकापोरा में ढेर कर दिया। सुरक्षाबलों ने एक सूचना के आधार पर काकापोरा में दुजाना समेत 2 से 3 आतंकियों को एक घर में घेर लिया था।

आतंकियों की पुख्‍ता सूचना

पुख्‍ता सूचना के बाद सुरक्षाबलों ने पहले तो आतंकियों को सरेंडर करने के लिए कहा। लेकिन आतंकियों ने सेना के जवानों पर फायर शुरू कर दी। आईजी मुनीर खान के मुताबिक आतंकियों ने इस घर में रहने वालों को अगवा कर लिया था और उन्‍हें अपनी ढाल बना रखा था। लेकिन जब घर में रहने वालों को सकुशल आजाद करवा लिया गया तो जवानोंं ने भी आतंकियों पर फायरिंग की और बाद में इस घर को उड़ा दिया गया, जिसमें यह तीनों आतं‍की मारे गए। इस मुठभेड़ के दौरान एक नागरिक के मारे जाने और करीब छह लोगों के घायल होने की भी खबर है।

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दक्षिण कश्‍मीर में लगातार पैर पसार रहा था दुजाना, उसका मारा जाना बड़ी कामयाबीदुजाना का मारा जाना बड़ी कामयाबी

जम्‍मू-कश्‍मीर के पूर्व डीजीपी एमएम खजूरिया दुजाना के मारे जाने को एक बड़ी कामयाबी मानते हैं। उनका कहना है कि वह यहां के युवाओं में काफी पॉपुलर था और राज्‍य के युवाओं को आतंकी की आग में झौंकने में भी उसका बड़ा हा‍थ था। इतना ही नहीं बुरहान वानी के बाद वह दक्षिण कश्‍मीर के इलाके में आतंकियों की फौज को बड़ा करने में भी लगा हुआ था। उसका दायरा लगातार बढ़ रहा था। कश्‍मीर में आतंकियों के पूरी तरह से सफाए के लिए उन्‍होंने कहा कि यह जरूरी है कि केंद्र और राज्‍य सरकार आतंकियाें के बीच पनप रही विचारधारा को खत्‍म करने के लिए काम करें। इस विचारधारा को खत्‍म करना ही बेहद जरूरी है। क्‍योंकि मौजूदा समय में न तो आतंकियों के पास लोगों की कमी है और न ही पैसे या फंड की। इस विचारधार को यदि खत्‍म नहीं किया गया तो यह सिलसिला यूं ही चलता रहेगा। उनका कहना है कि सेना के अलावा सरकार के भी इस ओर काम करने की जरूरत है।

मूल रूप से गिलगिट बाल्टिस्‍तान का निवासी था दुजाना

दुजाना मूल रूप से पाकिस्‍तान के कब्‍जे वाले कश्‍मीर के गिलगिट बाल्टिस्‍तान का निवासी था। वह दिसंबर 2014 से दक्षिण कश्‍मीर में काफी एक्टिव था और उसके ऊपर 15 लाख का इनाम था। कई बार वह सुरक्षाबलों को चकमा देकर भाग निकलने में भी सफल हुआ था। कुछ समय पहले उसके जाकिर मूसा के साथ जाने की भी खबरें आई थीं।

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बुरहान वाणी के बाद से अब तक कई आतंकी ढेर

आपको याद होगा कि पिछले वर्ष बुरहान वानी के बाद से सुरक्षाबल बशीर लश्करी, हिज्बुल मुजाहिदीन आतंकी सबजार अहमद बट, जुनैद मट्टू जैसे बड़े आतंकियों को खत्‍म कर चुके हैं। यहां पर आपको यह भी याद दिला देना सही होगा कि जून में सेना ने जम्मू-कश्मीर में 12 आतंकियों की हिट लिस्ट जारी की थी। इस लिस्‍ट में लश्कर आतंकी अबु दुजाना उर्फ हाफिज के साथ जुनैद अहमद मट्टू, बशीर वानी उर्फ लश्कर, पुलवामा जिले का कमांडर शौकत ताक उर्फ हुजैफा, वसीम अहमद और जीनत-उल-इस्लाम जैसे खूंखार आतंकियों का नाम शामिल था।

कई हमलों में था शामिल

दक्षिण कश्मीर में सुरक्षाबलों पर किए गए अधिकतर हमलों में दुजाना का हाथ था। पिछले साल हुए पंपोर हमले का भी वही मास्टरमाइंड था। इसमें सीआरपीएफ के आठ जवान शहीद हुए थे। दुजाना को कई बार जम्‍मू कश्‍मीर में हुए विरोध प्रर्दशनों में भी कथित तौर पर देखा गया था। यहां पर यह भी याद दिलाना जरूरी होगा कि पिछले दिनों जब केंद्रीय गृहमंत्री राज्‍य के दौरे पर गए थे, तब उन्‍होंने इस बात का भरोसा दिलाया था कि जम्‍मू कश्‍मीर में एक वर्ष के अंदर आतंकियों का खात्‍मा कर दिया जाएगा और बदलाव निश्चित है। हालांकि उस वक्‍त उन्‍होंने अपनी रणनीति का खुलासा नहीं किया था। उनका कहना था कि जल्‍द ही रिजल्‍ट सभी के सामने आएगा। 

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