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पेरिस समझौते पर ट्रंप बोले- भारत फैलाए प्रदूषण, पैसा हम दें अब ऐसा नहीं चलेगा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जल्द ही एकतरफा पेरिस जलवायु समझौते पर बड़े फैसले का वादा किया. उन्होंने आरोप लगाया कि अमेरिका से धन देने के लिए कहकर उसे अनुचित तरीके से निशाना बनाया जा रहा है जबकि रूस, चीन और भारत जैसे प्रदूषण करने वाले बड़े देश कुछ भी योगदान नहीं दे रहे हैं.

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चुनाव को उनके पक्ष में लाने में अहम भूमिका निभाने वाले राज्य पेनसिल्वानिया में प्रचार अभियान जैसी रैली में ट्रंप ने कहा किजलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौता एकतरफा है. उन्होंने राष्ट्रपति पद पर सौ दिन पूरे होने के मौके पर अपने भाषण में कहा कि मैं अगले दो सप्ताह में पेरिस समझौते पर बड़ा फैसला करूंगा और हम देखते हैं कि क्या होता है.

भारत, रूस, चीन नहीं देते पैसा
ट्रंप ने आरोप लगाया कि एकतरफा पेरिस जलवायु समझौते की तरह, जहां अमेरिका ने अरबों डालर दिये जबकि चीन, रूस और भारत योगदान करते हैं और लेकिन कोई योगदान नहीं करते. संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क संधि के तहत पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते पर वर्ष 2015 में 194 देशों ने हस्ताक्षर किये और इसे 143 ने अनुमोदित किया. ट्रंप ने दावा किया कि अनुमान है कि समझौते के अनुपालन से अमेरिकी जीडीपी दस वर्ष में 2500 अरब डालर कमजोर हो जाएगी.

क्या है पेरिस समझौता
जलवायु परिवर्तन के खतरे से निपटने और वैश्विक तापमान में बढ़ोत्तरी को दो डिग्री सेल्सियस तक नीचे लाने के लिए यह समझौता किया गया था. इसके तहत ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए कदम उठाने पर सहमति बनी थी. पेरिस में 197 देशों ने जलवायु परिवर्तन समझौते को स्वीकार किया था. इसके तहत जलवायु परिवर्तन से निपटने में विकसित देशों की ओर से विकासशील देशों की मदद के लिए साल 2020 से 100 अरब डॉलर हर साल देने की प्रतिबद्धता जताई गई. लिहाजा इस समझौते को विकासशील देश अपने खिलाफ मानते हैं. ऐसे में ट्रंप ने इसे अब उलटने की योजना बनाई है.

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