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बड़ा खुलासा: स्पैम कॉल से सबसे ज्यादा भारतीय परेशान

अक्सर लोग अनचाहे फोन कॉल से काफी परेशान रहते हैं। इस तरह के कॉल को स्पैम कॉल कहा जाता है। एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भारत में फोन का इस्तेमाल करने वाले लोग इस मामले में दूसरे नंबर पर हैं। उन्हें सबसे ज्यादा स्पैम कॉल किए जाते हैं। यह आंकड़ा साल 2018 का है। ट्रूकॉलर की स्पेशल रिपोर्ट 2018 मंगलवार को जारी की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीयों ने 2018 में जितने भी कॉल रिसीव किए उनमें से 6 फीसदी स्पैम कॉल थे। रिपोर्ट में ऐसे कॉल की कुल संख्या का खुलासा नहीं किया गया है।

रिपोर्ट के अनुसार एक औसत भारतीय महीनेभर में 22 .3 स्पैम कॉल रिसीव करता है। इस लिस्ट में भारत से एक सीढ़ी ऊपर ब्राजील है। इस मामले में दुनिया में ये पहला देश है, जहां एक औसत व्यक्ति महीनेभर में 37.5 स्पैम कॉल रिसीव करता है। बीते साल इस लिस्ट में भारत पहले नंबर पर था। भारत में  अनचाहे कॉल का आंकड़ा प्रतिव्यक्ति 1.5 फीसदी तक कम होने से लिस्ट में पहले स्थान पर ब्राजील आ गया है।

हैरानी की बात तो ये है कि ये स्पैम कॉल भी भारतीय टेलिकॉम कंपनियां ही करती हैं। यह कंपनियां ऐसी 91 फीसदी कॉल करती हैं। इनमें बैलेंस के लिए रिमाइंड कराना या किसी ऑफर से संबंधित कॉल किए जाते हैं। यानी भारतीयों के पास आने वाले स्पैम कॉल में 100 फीसदी में से 91 फीसदी इन्हीं के होते हैं।

धोखाधड़ी वाले फोन कॉल्स में वृद्धि
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय मोबाइल उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी करने वाले फोन कॉल में बीते साल के मुकाबले बढ़ोतरी हुई है। पहले ऐसे 3 फीसदी कॉल ही आते थे, जिनकी संख्या अब बढ़कर 7 फीसदी हो गई है।
उपभोक्ताओं तक पहुंचने के लिए टेलिकॉम कंपनियां वॉइस कॉल और एसएमएस नियमित तौर पर भेजती रहती हैं। टेलिकॉम कंपनियों के फोन करने के मामले में स्पेन का नंबर दूसरा है। यहां 46 फीसदी स्पैम कॉल टेलिकॉम कंपनियां करती हैं।

यहां सबसे ज्यादा धोखेबाज करते हैं फोन
धोखेबाज के फोन करने के प्रतिशत में भारत में तो बढ़ोतरी हुई ही है, साथ ही इस मामले में कनाडा सबसे ऊपर है। यहां यूजर्स को आने वाले स्पैम कॉल में से 69 फीसदी धोखेबाजों के होते हैं। इसमें दक्षिण अफ्रीका दूसरे नंबर
पर है, जहां 49 फीसदी कॉल धोखेबाज करते हैं।

अमेरिका में हुआ काफी सुधार
20 देशों की इस लिस्ट में टॉप 10 देशों में अमेरिका का नाम शामिल है। लेकिन अब वहां स्पैम कॉल की संख्या कम होती जा रही है। स्पैम कॉल की औसत संख्या यहां कम होकर 16.9 फीसदी ही रह गई है। बीते साल अमेरिका दूसरे नंबर पर था और अब आठवें नंबर पर है।

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