शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की पत्नी बोलीं, बस एक बार मुझे उन्हें छू लेने दो
बुलंदशहर : आप मुझे उनके पास जाने दो, वह बिल्कुल सही हो जाएंगे। मुझे छूने तो दो उनको, कहां हैं वह। देखो मुझे उनके पास जाना है। मैं हाथ जोड़ती हूं, बस एक मिनट के लिए जाने दो। मैं उनको छुऊंगी बस और वह ठीक हो जाएंगे। बेशक मुझे कुछ भी हो जाएगा, लेकिन वह ठीक हो जाते हैं। मेरा विश्वास मानो…।’ बुलंदशहर हिंसा में शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की पत्नी रजनी सोमवार रात बेसुध हालत में जिला अस्पताल में लगातार बस यही दोहरा रही थीं। बुलंदशहर के स्याना गांव में गोकशी की अफवाह के बाद फैली हिंसा में शहीद हुए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार का शव देर शाम जब जिला अस्पताल स्थित पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंचा, तो परिवार वाले और रिश्तेदार भी वहां पहुंच गए। शव देखते हुए रजनी दहाड़ मारकर रो पड़ीं। पुलिस अधिकारियों ने उन्हें बार-बार समझाने की कोशिश की लेकिन वह बस रोए जा रही थीं। वह सिर्फ एक बात दोहरा रही थीं, मुझे एक बार अपने पति को छू लेने दो, वह ठीक हो जाएंगे। रजनी की यह हाल देख सबकी आंखें नम हो गईं। गौरतलब है कि शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार दो भाइयों में सबसे छोटे थे। उनके बड़े भाई अतुल कुमार राठौर सेना में थे और रिटायर होने के बाद दिल्ली में व्यापार करते हैं। सुबोध कुमार के पिता राम प्रताप भी पुलिस में थे और बीमारी के कारण उनकी मौत हो गई थी। उन्हीं की जगह पर सुबोध कुमार को नौकरी मिली थी। इस बीच शहीद के बेटे अभिषेक ने धर्म के आधार समाज में फैलाई जा रही हिंसा पर सवाल उठाए हैं।
उन्होंने कहा, मेरे पिता मुझे एक अच्छा नागरिक बनाना चाहते थे, जो धर्म के नाम पर समाज में हिंसा को नहीं भड़काएगा। आज मेरे पिता हिंदू-मुस्लिम विवाद में शहीद हो गए, कल किसके पिता अपनी जान की कुर्बानी देंगे ? स्याना गांव में सोमवार को गोकशी की अफवाह के बाद फैली हिंसा के बाद अब पुलिस एक्शन में आ गई है। पुलिस छापेमारी तेज कर दी है और अब तक तीन लोगों को इस मामले में अरेस्ट किया गया है और 4 लोग हिरासत में लिए गए हैं। रात में शुरू हुई छापेमारी मंगलवार को भी जारी है। पुलिस ने कुल 27 नामजद और 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इस मामले में पुलिस ने बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश राज को पुलिस की एफआईआर में मुख्य आरोपी बनाया गया है। एडीजी मेरठ जोन प्रशांत कुमार ने बताया कि बुलंदशहर हिंसा के मामले में दो लोगों को हिरासत में लिया गया है। हिंसा की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। इस जांच में यह पता लगाया जाएगा क्यों हिंसा हुई और क्यों पुलिस अधिकारी इंस्पेक्टर सुबोध कुमार को अकेला छोड़कर भाग गए।