दिल्ली में प्रदूषण की वजह बताएगी ‘सुपर साइट’, CM अरविंद केजरीवाल ने किया लॉन्च
नई दिल्ली: दिल्ली में अब प्रदूषण के कारकों का रियल टाइम पता करना आसान होगा. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रदूषण के रियल टाइम कारकों का पता लगाने के लिए बनाई गई सुपर साइट और मोबाइल वैन की शुरुआत की. आईआईटी कानपुर और DPCC ने मिलकर यह पूरा सेटअप तैयार किया है. इसको लेकर राउज एवेन्यू के स्कूल परिसर में सुपर साइट लैब बनाई गई है. इसे रियल टाइम सोर्सेज अपोर्शनमेंट स्टडी का नाम दिया गया है.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारी सरकार प्रदूषण को लेकर बहुत ज्यादा सीरियस है. जब से हमारी सरकार बनी, तभी से दिल्ली में इलैक्ट्रिक व्हिकल पॉलिसी बनाई गई. दिल्ली में सबसे ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक वाहन हैं. सीएम केजरीवाल ने कहा कि सार्वजनिक परिवहन में मेट्रो तो है ही बसों को भी बढ़ाया गया है. 2025 तक 11 हजार बसें होंगी. दिल्ली का फोरेस्ट कवर 23.6% है, नेशनल कवर 20% है. जैसे ही प्रदूषण बढ़ता है तो GRAP सिस्टम लागू करते हैं.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 2018 से अब तक इस बार सबसे कम प्रदूषण था. सड़कों की सफाई के सिस्टम को भी बदल रहे हैं. पहले स्टडीज अलग-अलग टाइम पर होती थी, उसी के आधार पर सरकार नीति बनाती थी, लेकिन अब हर घंटे की पोल्यूशन मॉनिटरिंग हो सकेगी और हमने आईआईटी दिल्ली और आईआईटी कानपुर के साथ मिलकर ये रियल टाइम सोर्स अपोर्शनमेंट सिस्टम बनाया है. ये सिस्टम फोरकास्ट भी करेगा.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस सिस्टम से हर घंटे पता चलेगा कि किस एरिया में प्रदूषण के रियल कारण क्या हैं. इससे यह भी पता चलेगा कि दिल्ली के अंदर का प्रदूषण कितना है और बाहर का कितना. दिल्ली का एक तिहाई प्रदूषण बाहर से है. खासकर सर्दियों के समय में बायोमास बर्निंग ज्यादा होती है. मसलन रात में ड्राइवर या सिक्योरिटी गार्ड आग जला लेते हैं. ये प्रदूषण का एक चौथाई हिस्सा है.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार इस पर पिछले 3/4 सालों से काम कर रही थी. एक यहां राउज एवेन्यू में सुपर साइट है और इसके अलावा मोबाइल वैन है. उनको हॉट स्पॉट पर जगह-जगह खड़ा किया जाएगा और प्रदूषण के कारण पता चलेगा. इसके अलावा एक ऐप भी होगा.