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कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर रेप केस में CBI जांच की मांग, BJP नेताओं ने गृह मंत्रालय को लिखी चिट्ठी

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक ट्रेनी डॉक्टर से हुई दरिंदगी ने हर किसी को हिलाकर रख दिया. लेडी डॉक्टर से पहले रेप किया गया, फिर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई. पुलिस ने इस मामले में रेप का मामला दर्ज किया है और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर एक शख्स को गिरफ्तार किया है. लेडी डॉक्टर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में बेहोशी की हालत में मिली थी. उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन डॉक्टर उसे बचा नहीं सके. इस मामले में पुलिस ने शुक्रवार (9 अगस्त) को सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अस्थायी कर्मचारी संजय रॉय को गिरफ्तार किया. स्थानीय पुलिस ने बलात्कार का मामला दर्ज कर लिया है.

ट्रेनी डॉक्टर के बारे में बताया जा रहा है कि वह सेकंड ईयर की स्टूडेंट थी. वह बेहोशी की हालत में शुक्रवार को सेमिनार हॉल में मिली था. उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीड़िता के माता-पिता से बात की है. परिवार ने उनसे मामले की निष्पक्ष जांच का अनुरोध किया है. पुलिस मामले में आगे की जांच कर रही है.

पुलिस ने ट्रेनी डॉक्टर के शव का पोस्टमॉर्टम भी कराया है. इस मामले की जांच के लिए बंगाल पुलिस ने एक एसआईटी का भी गठन किया है. शुरुआती पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में यौन उत्पीड़न और हत्या की बात सामने आई है. रिपोर्ट में कहा गया है, ‘उसकी दोनों आंखों और मुंह से खून बह रहा था, चेहरे और नाखून पर चोटें थीं. पीड़िता के निजी अंगों से भी खून बह रहा था. उसके पेट, बाएं पैर…गर्दन, दाएं हाथ और…होंठों पर भी चोटें थीं.

दो महिला गवाह और महिला की मां पोस्टमार्टम के दौरान मौजूद थीं, जिसे कैमरे में रिकॉर्ड किया गया. कोलकाता पुलिस के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अपराध सुबह 3 से 6 बजे के बीच हुआ. ट्रेनी डॉक्टर के साथ कथित यौन उत्पीड़न मामले पर बीजेपी की वरिष्ठ नेता अग्निमित्र पॉल ने कहा कि बच्ची के शरीर पर जख्म था. इलाज के बाद पीड़िता की मौत हो गई. हम चाहते हैं कि पूछताछ हो. उन्होंने ट्रेनी डॉक्टर के शव का पोस्टमॉर्टेम कराए जाने का भी विरोध किया और पूछा, ‘शाम को पोस्टमॉर्टम क्यों किया गया?’

कोलकाता के डॉक्टर मानस गुमटा ने मामले पर कहा कि यह हैरान कर देने वाली घटना है. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. यह केवल डॉक्टरों के बारे में नहीं है. हम कह सकते हैं कि पश्चिम बंगाल गुंडों के हाथों में चला गया है और हमें लगता है कि प्रशासन तथ्यों को दबाने की कोशिश कर रहा है और इसे आत्महत्या बताने की कोशिश कर रहा है. इन कारणों से हम मांग करते हैं कि पोस्टमॉर्टम आरजी कर अस्पताल के बाहर के फोरेंसिक विशेषज्ञों द्वारा किया जाना चाहिए, न कि आरजी कर अस्पताल के फोरेंसिक विशेषज्ञों द्वारा.

उन्होंने स्टूडेंट्स संग विरोध-प्रदर्शन भी किया और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अपील की. आरजी कर कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर संदीप घोष ने भी इस मामले पर कहा, ‘ये बहुत गलत हुआ है. वो मेरी बच्ची की तरह थी और ये कि कार्रवाई जल्द से जल्द होनी चाहिए.’

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